खुशखबरी: केंद्र सरकार ने किया पेंशन नियमो में बड़ा बदलाव, इन लोगों को होगा फायदा

नई दिल्ली | केंद्र सरकार की तरफ से सरकारी कर्मचारी की मौत के बाद परिवार पेंशन से जुड़े कई नियमों में बदलाव कर दिया गया है. ऐसे में नए नियमों के अनुसार अब सरकारी कर्मचारी की मौत के बाद अगर उसके परिवार में कोई भी दिव्यांग सदस्य मौजूद है तो फ़िर उस व्यक्ति को पेंशन के लिए ज्यादा भाग- दौड़ नहीं करनी पड़ेगी. साथ ही साथ यहां सबसे महत्वूर्ण यह होगा कि वह व्यक्ति जीवन भर के लिए पेंशन पाने का हकदार होगा.

 

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जानें, मोदी सरकार की नई नीति लागू होने के बाद कौन से लोगों को मिलेगी राहत

इस मामले में केंद्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह जी ने जानकारी हाल ही में सांझा की है. उन्होंने कहा है कि तमाम विचार विमर्श के बाद मोदी सरकार की ओर से पेंशन निमयों में यह सभी बदलाव किए हैं. ऐसे में कार्मिक राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह ने इस मामले पर प्रकाश डालते हुए कहा है कि मोदी सरकार के इस फैसले से उन हजारों लोगों को राहत मिल सकती है, जो माता- पिता के निधन के बाद बेहद ही ज्यादा दिक्कतों का सामना करते हुए अपनी जिंदगी गुज़र बसर कर रहे हैं.

जाने, किस स्थिति में नहीं मिलेगी पेंशन

दिव्यांग आश्रितों को नए नियमों के मुताबिक अब जीवन भर पेंशन की सहायता मिलती रहेगी. ऐसे में दिव्यांग आश्रितों को बहुत जल्द ही नए नियमों के अंतर्गत पेंशन मिलना शुरू हो जाएगी. अब केंद्रीय सिविल सेवा पेंशन नियम 1972 (54/ 6) के मुताबिक़ किसी भी सरकारी कर्मचारी के आश्रित परिवार की कुल आय कर्मचारी के अंतिम वेतन से ज्यादा है तो फ़िर उस स्थिति में उन्हें पेंशन नहीं दी जाएगी.

जाने, कौन सी स्थिति में मिलेगी पूरी उम्र के लिए पेंशन

अगर आश्रित परिवार की कुल आय कर्मचारी के आख़िरी वेतन से 30 प्रतिशत से कम है तो फ़िर मृतक आश्रितों को जीवन भर पेंशन पाने का अधिकार होगा. स्थिति में उसके परिवार को पूरी उम्र के लिए पेंशन की सहायता दी जाएगी.

 जानें, क्या था पेंशन का प्रावधान 

बदलाव से पहले नियमों के अनुसार सरकारी कर्मचारी की मौत के बाद उसकी पेंशन लेने का अधिकार सिर्फ उसकी पत्नी को ही था. ऐसा पेंशन का प्रावधान था और यही मुख्य वजह थीं कि परिवार के किसी भी अन्य सदस्य को पेंशन नहीं दी जाती थी. ऐसे में अगर पीड़ित के घर में बच्चे हैं और फ़िर उनमें से कोई भी मानसिक या शारीरिक रूप से सक्षम नहीं है तो भी उसे किसी तरह से पेंशन का प्रावधान नहीं था. कुछ इस प्रकार से पेंशन के नियमों का गठन किया गया था.

गंभीरता से विचार विमर्श करने के बाद पेंशन के नियमों में किया गया है बदलाव

ऐसी स्थिति के चलते दिव्यांग आश्रितों के लिए पेट भरना भी मुश्किल ही रहा है और इन्हीं सब परेशानियों को देखते हुए व गंभीरता से विचार विमर्श करने के पश्चात अब अंत ने पेंशन नियमों में बदलाव किए गए हैं.

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