कोसली में “आज की शाम, भारतीय वायुसेना के नाम” कार्यक्रम का किया आयोजन

कोसली I निस्वार्थी देश भक्ति समूह के तत्वाधान में आज की शाम भारतीय वायुसेना के नाम ऑनलाइन कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के संचालक वरिष्ठ साहित्यकार अशोक कुमार जाखड़ थे। कार्यक्रम की अध्यक्षा डॉ अर्चना श्रेया, मुख्य अतिथि डॉक्टर लाज कौशल, विशिष्ट अतिथि, वरिष्ठ साहित्यकार राजपाल यादव व वारंट ऑफिसर आनंद कुमार रहे ।नूतन दुबे ने मां शारदे की वंदना से कार्यक्रम की शुरुआत की। डॉ नेहा इलाहाबादी ने सुमधुर मीठी आवाज में अपनी रचना से सबका मन मोह लिया।
‘झुक जाएगा जमाना अपनी उड़ान से
लहराएगा तिरंगा जब आसमान से।’
कवि त्रिलोक फतेहपुरी की पंक्तियां
‘ आजादी का जश्न मनाओ’ बहुत ही बेहतरीन प्रस्तुति रही।

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बलबीर सिंह ढाका ने गोपीचंद के किस्से से देश भक्ति की कविता प्रस्तुत की। कुसुमलता कोसली ने ‘नीला गगन है घर उनका’ कविता के माध्यम से अपने विचार व्यक्त किए। दलबीर फूल ने ‘जंग जीत चला मौत से हार गया ,भाई बहन का प्यार गया’ कविता प्रस्तुत कर वाहवाही लूटी। आनंद राम चौबे ने ‘ हिंद की सेना’ कविता सुना कर सबका मन मोह लिया। राम निवास तिवारी आशु कवि ने ‘ तेरे दर पर यह दामन पसारे हुए’ कविता प्रस्तुत की। योगेश कुमार पाराशर योगी जी ने ‘आपस में सब मिलकर रहिए’ कविता से भाईचारे का संदेश दिया। प्रेमपाल शर्मा ने ‘आओ मिलकर शौर्य वीर सैनिक का मान बढ़ाएं’ कविता प्रस्तुत की। सत्येंद्र पांडे ने ‘अदम्य साहस की गाथा वीरों की’ प्रस्तुत की। कवि कृष्ण चंद्र ने ‘देश धर्म पै जो मरते’ देशभक्ति से परिपूर्ण रचना सुनाकर सभी को आह्लादित किया। दिवाकर दिनेश गौड़ गोधरा गुजरात से वीरों को नमन किया। कुमारी गुड़िया ने ‘शत-शत वंदन, कण कण चंदन ‘कविता प्रस्तुत कर भारत भूमि को नमन किया।

मंच संचालन निशा अतुल्य तथा गायत्री ने किया। आदित्य अविरल आशु कवि ग्वालियर ने ‘महाराणा महाराणा था’ कविता प्रस्तुत की। डॉ मीना कुमारी परिहार ने ‘ऊंचे इरादे हो, उची उड़ान हो’ कविता प्रस्तुत कर सबका मन मोह लिया ।कवि ब्रह्मदेव, सुनीता शर्मा दिल्ली ने तिरंगे को याद किया। कवि पृथ्वी सिंह बेनीवाल ने लंबी कविता के माध्यम से वीर शहीदों को नमन किया। योगेश सिंह धाकरे ने भारतीय वायु सेना के पराक्रम को दर्शाया। गरिमा लखनऊ से ने ‘ हे मातृभूमि देवभूमि ,कर्ज़ वीर सपूतों का’ श्रद्धांजलि अर्पित की।

कृष्ण गोपाल सोलंकी ने ‘बांधे सिर पर खड़े हैं कफन दोस्तों ‘ बेहतरीन रचना प्रस्तुत की। श्रीनिवास शर्मा ने अपनी देशभक्ति की कविता प्रस्तुत की। मीडिया प्रभारी सुनील खनेजा ने वायु सेना दिवस पर अपने विचार व्यक्त किए। साहित्यकार अशोक कुमार जाखड़ ने अपनी कविता यूं पेश की-
‘ वसुंधरा का सहन हमें हरगिज़ अपमान नहीं होगा। जाखड़ अब युद्ध हुआ तो भू पर शत्रु का निशान नहीं होगा।
राजपाल यादव ने अपनी कविता के माध्यम से कहा-
‘ कविता कवि की भावनाओं का सैलाब है,
आत्मानुभव नहीं आमजन की भी आवाज है।’
डॉ लाज कौशल ने-
‘ जरा भी ना घबराए मर मिटे देश पर जो उन सूरवीरों के ही तुम गुण गाइए।
बाबू बोस भगत सिंह और चंद्रशेखर ने कितने सहे कष्ट सबको सुनाइए।’

कविता सुना कर सूरवीरों को नमन किया। प्रियदर्शनी राज जामनगर से, रामचंद्र स्वामी, जितेंद्र देशवाल, डॉ रश्मि शुक्ला प्रयागराज, बाबू भंडारी, अर्चना चंचल दिल्ली, ईश्वर चंद्र, रागनी शुक्ला, अंबे कुमारी, रामकेश यादव, सुनील कुमार रोहतास, दर्शन श्रीवास्तव, अनुराधा अनु, धर्मवीर सिंह, छाया जोशी, सुनील शर्मा कनीना, संजय जैन मुंबई, डॉक्टर सुषमा तिवारी नोएडा, बृज उमराव कानपुर आदि सभी साहित्यकारों ने देशभक्ति से ओतप्रोत अपनी कविता से सभी का मन मोह लिया। दो दिन तक चलने वाले इस कार्यक्रम में भारत देश के विभिन्न राज्यों के लगभग 65 कवियों ने भाग लिया।

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