चंडीगढ़ | हरियाणा की मनोहर सरकार ने बिजली उपभोक्ताओं को बड़ा झटका दिया है. राज्य की बिजली वितरण कंपनियों ने दबे पांव उपभोक्ताओं के बिजली बिल में 52 पैसे प्रति यूनिट ईंधन अधिभार समायोजन (FSA) जोड़ दिया है. कंपनियां इस बढ़ी हुई दर की वसूली 1 अप्रैल से जून 2023 तक करने जा रही है.
200 यूनिट तक नहीं देना होगा FSA
200 यूनिट हर महीने खपत करने वाले बिजली उपभोक्ताओं को इस श्रेणी से बाहर रखा जाएगा. इसके अलावा, किसानों से भी यह शुल्क नहीं वसूला जाएगा. इसका मतलब यह है कि प्रति महीना 201 यूनिट की खपत करने वाले बिजली उपभोक्ताओं को FSA के रूप में एक महीने के लिए 100.52 रुपए एक्स्ट्रा चार्ज देना होगा.
FSA का मतलब
ईंधन अधिभार समायोजन यानि FSA को लेकर कंफ्यूज हो रहें बिजली उपभोक्ताओं को हम यहां इसके बारे में जानकारी दे रहे हैं. FSA को अल्पकालिक समझौतों के माध्यम से अतिरिक्त बिजली आपूर्ति की व्यवस्था करने पर खर्च की गई बिजली वितरण कंपनियों द्वारा राशि की वसूली के लिए प्रभावी किया जाता है.
5 पैसे टैक्स लेवी के देने होंगे
हरियाणा राज्य में बिजली वितरण की दो प्रमुख कंपनियां उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (UHBVN) और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (DHBVN) है. इन कंपनियों द्वारा जारी किए गए पत्र के अनुसार 47 पैसे प्रति यूनिट FSA निर्धारित किया गया है जबकि 5 पैसा प्रति यूनिट टैक्स लेवी के रूप में बिजली बिलों में जोड़ा गया है. इस तरह उपभोक्ताओं पर 52 पैसे प्रति यूनिट की अतिरिक्त मार पड़ने जा रही है.
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