हिसार | जिले में एयरपोर्ट बनने का काम बीच में ही रुका हुआ था. अब हिसार एयरपोर्ट के विभिन्न कार्य शुरू होने वाले हैं. एयरपोर्ट को इसी महीने एनवायरमेंट क्लीयरेंस मिल सकती है. केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय में 24 सितंबर को इस मुद्दे पर अहम बैठक होने जा रही है. इसमें दिल्ली और चंडीगढ़ के एविएशन डिपार्टमेंट के अधिकारी शामिल होंगे. शीघ्र क्लीयरेंस के लिए हरियाणा सिविल एविएशन विभाग की तरफ से कागजी कार्यवाही पूरी हो चुकी है. सभी दस्तावेज केंद्रीय मंत्रालय में जमा हो चुके हैं. अगर बैठक में सब ठीक रहा तो 24 सितंबर या इसके बाद केंद्रीय मंत्रालय हिसार एयरपोर्ट को एनवायरमेंट NOC प्रदान कर देगा. इसके बाद हिसार में छोटे जहाजों से उड़ान शुरू हो सकेगी. साथ ही, दूसरे फेज के जो कार्य रुके हुए थे वे भी पूरे हो सकेंगे. इस फेज में ही रनवे का वस्तार किया जाना है. हवाई पट्टी अंतरराष्ट्रीय मानकों के हिसाब से तैयार होगी.
अभी तक नही मिली एनवायरमेंट क्लीयरेंस
हिसार एयरपोर्ट को एनवायरमेंट क्लीयरेंस नहीं मिलने से हिसार से चंडीगढ़ के लिए शुरू की गई रीजनल हवाई सेवा ठप्प पड़ी है. हालांकि, विधानसभा चुनाव से पहले इसे आरम्भ कर दिया गया था, मगर बाद में पिछले वर्ष सर्दियों में मौसम में खराबी बताकर इसे बंद कर दिया गया था. उसके बाद से हवाई सेवा शुरू नहीं हुई है. अब एनवायरमेंट क्लीयरेंस के लिए प्रदेश सरकार तेज़ी से प्रयास कर रही है और एक साल के अंदर-अंदर सभी प्रक्रियाएं पूरी कर दी. अब सरकार को बस 24 सितम्बर 2020 को होने वाली बैठक का इंतज़ार है.
जाने प्रोजेक्ट की पूरी प्रक्रिया
हिसार एयरपोर्ट का निर्माण फॉरेस्ट और नॉन फॉरेस्ट दोनों श्रेणियों की भूमि पर किया जा रहा है. नियम-कानूनों को देखा जाए तो केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के नियमों के अनुसार तो सबसे पहले ई-परिवेश पोर्टल पर अपने प्रोजेक्ट की सही जानकारी यूजर एजेंसी को अपलोड करनी पड़ती है. अगर प्रोजेक्ट गलत जानकारी के साथ आवेदित किया जाता है तो उसे शुरुआत में ही रोक दिया जाता है. प्रोजेक्ट को अंतिम मंजूरी के लिए कई स्टेजों से गुजरना पड़ता है. इस रिपोर्ट में यह स्पष्ट होता है कि यह प्रोजेक्ट कितनी भूमि पर बनेगा, जिसमें कितनी वन भूमि व कितनी गैर वन भूमि का उपयोग होगा, कितने पेड़ कटेंगे, इसका पर्यावरण लाभ व हानि क्या हैं. इस तरह पूरे सिस्टम को फॉलो करने में काफी समय लग जाता है.
ऐसी होगी हिसार एयरपोर्ट की क्षमता व गुणवत्ता
हिसार एयरपोर्ट 7200 एकड़ भूखंड पर विकसित किया जा रहा है. हिसार एयरपोर्ट के विस्तार के बाद संचालन क्षमता में बढ़ोतरी होगी. हिसार एयरपोर्ट की यात्री हैंडङ्क्षलग क्षमता 3.5 MPPA (प्रतिवर्ष यात्रियों की संख्या) और कार्गो क्षमता 20 हजार मीट्रिक टन MTPA होगी. यह गतिविधि-7 (A) व श्रेणी-A का हवाई अड्डा होगा. यह परियोजना नई दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की भीड़भाड़ व ट्रैफिक को कम करने में मददगार साबित होगी, जिसे वार्षिक आधार पर 6.34 करोड़ लोग आने-जाने के लिए प्रयोग करते हैं.
दूसरे फेज़ के कार्य भी होंगे शुरू
हिसार एयरपोर्ट पर अभी केवल 4000 फुट का रनवे है. दूसरे फेज में इसे बढ़ाकर अंतरराष्ट्रीय मानकों के हिसाब से करीब 9000 फुट का बनाया जाना है. 9 महीने पहले इसका टेंडर ओपन कर वर्क अलॉट हो चुका है, मगर काम आज तक शुरू नहीं हुआ.
एप्रेण
एयरपोर्ट पर तीन हैंगर बने हैं, इन हैंगरों के आगे फर्श बनाया जाना है इसको एप्रैण कहते हैं. 4 महीने पहले इसके भी वर्क ऑर्डर जारी हो चुके हैं, मगर एनवायरमेंट क्लीयरेंस नहीं मिलने के कारण इसका काम रुका हुआ है.
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