हरियाणा में कई स्थानों पर जमकर ओलावृष्टि, जमीन पर लेटी सरसों और गेहूं की फसल; आगे ऐसा रहेगा मौसम

कैथल | हरियाणा में बेमौसमी बारिश और ओलावृष्टि फसलों के लिए आफत बनकर आई है. प्रदेश में बहुत सी जगहों पर जमकर ओलावृष्टि हुई है जिससे हर कोई सहम गया है. सोमवार को कैथल जिले के गुहला चीका क्षेत्र में बारिश कम और ओलावृष्टि ज्यादा हुई है. ओलावृष्टि से सड़कें एवं गलियां सफेद हो गई और घरों की छतों व आंगन में ओलों के ढेर लग गए. यहां लगभग 45 मिनट तक जमकर ओलावृष्टि हुई है.

Hailstrome

फसलों को भारी नुक़सान

तेज हवा, अधिक बारिश और ओलावृष्टि से पककर तैयार खड़ी सरसों की फसल में भारी नुक़सान पहुंचा है. सरसों की फसल जमीन पर ही झड़ गई और गेहूं की फसल जमीन पर बिछ गई है. बारिश के साथ चली तेज रफ्तार हवा से दोनों फसलों में व्यापक स्तर पर नुकसान हुआ है. किसानों ने कहा कि इतने ओले पड़े हैं कि सारी सरसों की फसल झाड़ कर रख दी है.

ओलावृष्टि थमने के बाद भी गुहला चीका और आसपास के क्षेत्र में करीब 3 घंटे तक कभी तेज तो कभी धीमी बारिश का सिलसिला जारी रहा. वहीं, बारिश और ओलावृष्टि से तापमान में भी गिरावट दर्ज हुई है. इस दौरान अधिकतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस गिरकर 22 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया तो वहीं न्यूनतम तापमान 16 डिग्री सेल्सियस रहा.

सरसों की आवक बंद

वहीं, बारिश की वजह से मंडियों में सरसों की आवक बंद हो गई है. अनेक किसान ऐसे हैं जिन्होंने फसल की कटाई की हुई थी और वह खेत में ही पड़ी है लेकिन मौसम के खराब होने के कारण वे उसे मशीन से निकाल नहीं पा रहे. नमी के बढ़ने के कारण अब फसल को निकालने में कई दिन लगेंगे.

आगे कैसा रहेगा मौसम

हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कृषि मौसम विभाग के इंचार्ज डाॅ. मदनलाल खीचड़ ने बताया है कि पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के कारण 21 मार्च यानि आज प्रदेश के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश हो सकती है. इसके बाद, 22 व 23 मार्च को मौसम शुष्क रहेगा. 24 व 25 मार्च को एक और पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने की संभावना के चलते मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा.

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