हरियाणा का युवा दिन-प्रतिदिन क्यों हो रहा बेरोजगार! आखिर क्यों हरियाणा बेरोजगारी लिस्ट में टॉप पर.

नई दिल्ली । देश का औद्योगिक हब कहा जाने वाला राज्य आखिर राज्यों की बेरोजगारी लिस्ट में शीर्ष पायदान पर क्यों हैं! जिस राज्य के पास गुरुग्राम और फरीदाबाद जैसे शहर है जहां से पूरे देश में औद्योगिक की लहर दौड़ दी है आखिर वह राज्य रोजगार के मामले में इतना कैसे पिछड़ सकता है. इन प्रश्नों का कोई सीधा कारण तो नहीं है लेकिन राज्य की इस हालत के पीछे कारण कई हैं.

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हरियाणवी युवाओं के कौशल विकास में कमी
तमाम विशेषज्ञों का मानना है कि हरियाणा में कुशल कर्मचारियों की हमेशा ही कमी रही है. हरियाणा औद्योगिकीकरण तो हुआ लेकिन सरकारों द्वारा यहां के युवाओं में उस स्तर का कौशल विकसित करने का प्रयास नहीं किया गया. जिस कारण हरियाणा राज्य औद्योगिकरण का मुख्य केंद्र होने के बावजूद भी यहां की कंपनियों में अधिकतर कर्मचारी अन्य राज्यों से हैं.

हरियाणा राज्य में अधिकतर कंपनियां ऑटोमोबाइल और टेक्सटाइल की है. एनसीआर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष एच. पी. यादव बताते हैं कि ऑटोमोबाइल या टेक्सटाइल कंपनियों में जिन मशीनों का प्रयोग किया जाता है उन लोगों की हरियाणा में उपलब्धता काफी कम है. जिस कारण हरियाणा की कंपनियों में यहां का युवा नौकरी पाने से रह जाता है और बाहर का युवा आसानी से उस नौकरी को प्राप्त कर लेता है. जिस कारण राज्य की बेरोजगारी दर पर सीधा असर पड़ता है.

लॉकडाउन की मार
देश में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सरकार ने लॉकडाउन का ऐलान किया. लॉकडाउन के कारण असंगठित क्षेत्रों की कई कंपनियां बंद हो गई, रोजाना कमाकर खाने वाली मजदूर बेरोजगार हो गए. कई कर्मचारियों ने आधे वेतन पर काम किया तो कईयों को नौकरी से निकाल दिया गया. एक रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना काल में अब तक 12 करोड़ से अधिक लोगों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा है. जिस कारण देश की अर्थव्यवस्था पर इसका सीधा प्रभाव पड़ा और देश की बेरोजगारी दर की बड़ी. हरियाणा राज्य लॉकडाउन से पहले भी बेरोजगारी की मार झेल रहा था लेकिन लॉकडाउन के बाद हरियाणा राज्य की स्थिति खराब होती गई जिस कारण आज बेरोजगारी की मामले में राज्य शीर्ष पर है.

हरियाणा की कृषि में आई कमी
हरियाणा एक कृषि प्रधान राज्य भी है. लेकिन पिछले कुछ सालों में किए गए सर्वे और विशेषज्ञों के अनुसार, हरियाणा में कृषि के क्षेत्र में कुछ कमी देखने को मिलीं है. कृषि क्षेत्र में कमी का एक मुख्य कारण बढ़ता औद्योगिकरण है. औद्योगिकरण बढ़ने के कारण यहां की कृषि योग्य उपजाऊ भूमि में भी बड़ी-बड़ी कंपनियां बन रही है. जिसका सीधा असर यहां कृषि पर पड़ा है. कुछ विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि हरियाणा के लोगों और खासतौर पर यहां का युवा वर्ग कृषि के कामों में रुचि नहीं दिखाता यानी यह लोग अपने खेतों का काम भी दूसरों से करवाते हैं, जिस कारण अधिकतर बेरोजगारी जैसी बीमारी से जूझता नजर आता है, जिससे बेरोजगारी में भी असर पड़ता है.


इन तमाम समस्या को देखते हुए हाल ही में राज्य सरकार द्वारा प्राइवेट कंपनियों में हरियाणा के युवाओं के लिए आरक्षण संबंधित कानून तो लाया गया है. जिससे निश्चित तौर पर राज्य के युवाओं को रोजगार पाने में आसानी होगी और राज्य की स्थिति भी सुधरेगी. लेकिन एक महत्वपूर्ण जरूरत है कि सरकार युवाओं के कौशल विकास के लिए भी महत्वपूर्ण कदम उठाए. जिससे हरियाणा का युवा रोजगार पाए और राज्य बेरोजगारी से रोजगार की ओर बढ़े!

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