अंबाला | हरियाणा में खरीफ फसलों का सीजन समाप्ति की ओर है. कपास की चुगाई का अंतिम दौर चल रहा है, तो वहीं धान की आवक मंडियों में जोर पकड़ रही है. किसान अब रबी फसलों में प्रमुख गेहूं की बिजाई करने की तैयारियां कर रहा है, लेकिन इन दिनों राज्य में डीएपी खाद की भारी कमी बनी हुई है और डीएपी खाद के बिना गेहूं की बुआई करना मुश्किल नजर आ रहा है.
चक्कर काटने पर मजबूर किसान
अंबाला की अनाज मंडी में किसान डीएपी खाद के लिए रोजाना भाग- दौड़ कर रहें हैं, लेकिन उन्हें खाली हाथ ही लौटना पड़ रहा है. किसानों ने बताया कि पिछले एक सप्ताह से डीएपी खाद के लिए दुकानों के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन खाद नहीं मिल रही है. कुछ दुकानों पर खाद की उपलब्धता है तो दुकानदार अन्य वस्तुएं साथ में दे रहा है, जिससे उनकी जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है.
बिना डीएपी खाद खेत की तैयारी में कठिनाई
डीएपी खाद की कमी पर बात करते हुए एक किसान ने बताया कि बिना डीएपी खाद के खेत को अगली फसल के लिए तैयार करना बहुत मुश्किल हो जाता है. इसलिए इस खाद की उपलब्धता बेहद जरूरी है. कुछ दुकानों पर डीएपी खाद उपलब्ध होती है, तो वे साथ में अनावश्यक दवाइयां खरीदने पर मजबूर कर रहें हैं. वहीं, कुछ दुकानों पर डीएपी खाद के बैग पर निर्धारित राशि से ज्यादा पैसे वसूल किए जा रहे हैं.
कृषि अधिकारी का बयान
कृषि अधिकारी जसविंदर सिंह से जब इस बारे में बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि अंबाला में डीएपी खाद की स्थिति ठीक है और जिले की जरूरत के हिसाब से पर्याप्त मात्रा में खाद मंगाई गई है. खाद के साथ अनावश्यक दवाइयां देने पर उन्होंने कहा कि ऐसे दुकानदारों की कृषि विभाग में शिकायत करें, उसके खिलाफ तुरंत प्रभाव से कार्रवाई की जाएगी.
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