हरियाणा के ग्रुप D कर्मचारियों की बल्ले- बल्ले, ट्रांसफर ड्राइव पॉलिसी पर आया ये फैसला

चंडीगढ़ | हरियाणा सरकार ने हरियाणा ग्रुप D कर्मचारी (भर्ती और सेवा की शर्तें) अधिनियम, 2018 के तहत ग्रुप डी कर्मचारियों के लिए ट्रांसफर ड्राइव पॉलिसी को अंतिम रूप दे दिया है. इस संबंध में मुख्य सचिव संजीव कौशल द्वारा सभी प्रशासनिक सचिवों और विभाग प्रमुखों को एक पत्र जारी किया गया है. एक सरकारी प्रवक्ता ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि तबादला अभियान के संबंध में हरियाणा ग्रुप डी कर्मचारी (भर्ती और सेवा की शर्तें) अधिनियम के तहत आने वाले ग्रुप डी कर्मचारियों के स्थानांतरण अभियान के संबंध में सभी विभागों से टिप्पणियां और सुझाव प्राप्त हुए थे. अब इस नीति को अंतिम रूप दिया गया है.

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पोस्टिंग एडजस्टमेंट का अवसर मिलेगा

प्रवक्ता ने बताया कि हरियाणा ग्रुप डी कर्मचारी (भर्ती और सेवा की शर्तें) अधिनियम, 2018 (इसके बाद ग्रुप डी अधिनियम के रूप में संदर्भित) को 28 मार्च, 2018 को अधिसूचना के माध्यम से लागू किया गया था. इसके बाद 18 हजार से अधिक पदों को विज्ञापित किया गया था और हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से सीधी भर्ती द्वारा भरे गए. समय के साथ यह पाया गया कि कुछ कर्मचारियों को उनके गृह नगरों से दूर स्थानों पर तैनात किया गया था जिसके कारण वे अपने कर्तव्यों का ठीक से निर्वहन नहीं कर पा रहे थे.

उनकी कठिनाई को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने कॉमन कैडर के सभी ग्रुप डी कर्मचारियों के लिए एक स्थानांतरण अभियान शुरू करने का निर्णय लिया ताकि उन्हें उनके गृह नगर के निकट एक कार्यालय में और एक उपयुक्त पद पर पोस्टिंग, एडजस्टमेंट का अवसर दिया जा सके.

ये है इस अभियान का मुख्य उद्देश्य

प्रवक्ता ने बताया कि इस स्थानांतरण अभियान का मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों की तैनाती के स्थान के संबंध में कठिनाइयों को दूर करना है साथ ही उन्हें उन पदों के अलावा अन्य पदों पर समायोजित करना है, जिन पर वे नियुक्ति के लिए खुद को उपयुक्त नहीं मानते हैं. इस प्रयोजन के लिए प्रत्येक कर्मचारी को तीन जिलों का चयन करना होगा, जहां वह तैनात/स्थानांतरित होना चाहता/चाहती है. इसके अलावा, कर्मचारी ग्रुप डी के सभी पदों की सूची में से अधिकतम 50 पदों का चयन कर सकता है जिसके लिए वह खुद को फिट नहीं मानता है.

ये रहेगा प्रयास

इस अभियान में कर्मचारी को उसके द्वारा चयनित तीन जिलों में से किसी एक जिले में प्राथमिकता के आधार पर स्थानान्तरित करने का प्रयास किया जायेगा. यह भी प्रयास किया जायेगा कि जिस पद पर वह कार्य नहीं करना चाहता है उस पर उसकी नियुक्ति न हो. हालाँकि, यह गारंटी नहीं दी जा सकती है कि कर्मचारी अपनी पसंद का स्टेशन प्राप्त करने में सक्षम होगा या उन पदों से बच सकेगा जिन्हें वह उसके लिए उपयुक्त नहीं मानता है.

प्रवक्ता ने बताया कि ग्रुप डी अधिनियम के लागू होने के बाद नियुक्त और हरियाणा सरकार के किसी भी विभाग में तैनात सभी ग्रुप डी कर्मचारी इस स्थानांतरण अभियान में भाग लेने के पात्र हैं. किसी भी वैधानिक निकाय, बोर्ड, निगम, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, संवैधानिक निकाय में तैनात ग्रुप डी के कर्मचारी इस अभियान में भाग लेने के पात्र नहीं हैं.

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