सिरसा में बंजर जमीन उगल रही है सोना, किसान ऐसे कर रहे हैं लाखों में कमाई

सिरसा । खेती के लिए नकारा हों चुकी खारी जमीन और खारा पानी हरियाणा के सिरसा जिले में किसानों के लिए वरदान साबित हो रहा है. कृषि मंत्री जेपी दलाल ने बताया कि हरियाणा के बहुत से इलाकों में खेती के लिए उपयुक्त पानी नहीं है. जमीन से निकला पानी खारा होता है जिसके चलते जमीन बंजर हो रही है. ऐसे में किसान साथियों ने फसल विविधीकरण को अपनाया और झींगा मछली का व्यवसाय शुरू कर दिया. इस व्यवसाय से किसानों ने फसलों की तुलना में कही अधिक आमदनी करते हुए अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत किया. कृषि मंत्री ने कहा कि पूरे प्रदेश में 785 एकड़ भूमि पर मछली पालन किया जा रहा है जिसमें से 400 एकड़ भूमि अकेले सिरसा जिले से है.

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बता दें कि राजस्थान और पंजाब की सीमा से सटे सिरसा जिले में किसान शुरू से ही कपास, ग्वार, गेहूं, बाजरा आदि फसलों की पारम्परिक खेती करते आ रहे हैं. इसके चलते बहुत जगहों पर पानी का जलस्तर बहुत नीचे चला गया तो वही हजारों एकड़ भूमि खारा हो गई. ऐसी जमीन पर फसल उगना भी लगभग बंद हो गई थी. किसानों के आर्थिक हालात भी बिगड़ने लगें थे. देशभर में ऐसी परिस्थितियों को देखते हुए केन्द्र सरकार ने नीली क्रांति को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य योजना लागू की गई.

किसानों के लिए फायदेमंद

कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि सिरसा जिले के किसानों ने अपनी सोच में बदलाव करते हुए पारम्परिक खेती का मोह त्याग कर इस योजना को अपना लिया और आज इसके चलते किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है. जिला मत्स्य पालन अधिकारी जगदीश ने बताया कि खारे पानी और खारी जमीन में मछली पालन की अपार संभावनाएं हैं. योजना के तहत सामान्य वर्ग के लिए इकाई लागत का अधिकतम 40% तथा अनूसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/महिला वर्ग के लिए इकाई लागत का 60% सब्सिडी प्रदान करने का प्रावधान है.

4 महीने में 11.50 टन मछली का उत्पादन

जिला मत्स्य पालन अधिकारी जगदीश ने बताया कि विभाग द्वारा तालाब बनाने,खारे पानी में मछली पालन और मछली बेचने के लिए वाहन खरीदने के लिए अनुदान राशि मुहैया करवाई जा रही है. उन्होंने कहा कि बहुत जल्द सिरसा जिले की पहचान मत्स्य पालन में प्रायोगिक परियोजना के रूप में होगी.

गांव चोरमार खेड़ा निवासी किसान संदीप और देवेन्द्र ने बताया कि वे अपनी ढाई एकड़ भूमि पर मछली पालन का व्यवसाय कर रहे हैं. उन्होंने तालाब में 3.40 लाख रुपए के मछली बीज डालें और 125 दिन की अवधि के बाद 11.50 टन मछली का उत्पादन किया और 51 लाख रुपए से अधिक की बिक्री का लाभ कमाया.

किसानों ने बताया कि उन्हें सरकार की प्रधानमंत्री मत्स्य योजना के तहत प्रशासन ने अनुदान राशि मुहैया करवाई. किसानों ने प्रदेश सरकार से मांग करते हुए कहा है कि सिरसा जिले में ही जल परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित की जाएं.

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