हरियाणा में 4 दिनों तक बारिश, आंधी और ओलावृष्टि की संभावना, इन जिलों में मचेगा कहर

चंडीगढ़ | हरियाणा में आज से 4 दिनों तक लगातार बारिश, आंधी और ओलावृष्टि जारी रहेगी. राज्य के लोगों को मंगलवार को भारी बारिश और ओलावृष्टि का सामना करना पड़ सकता है. मई का महीना ही बारिश और ठंड के साथ शुरू हो रहा है. रात में करीब 10 जिलों में बारिश दर्ज की गई. आसमान अभी भी बादलों से ढका हुआ है और दिन में भी बारिश की संभावना है.

Barish Weather Monsoon

प्रदेश भर में होगी बारिश

हरियाणा आज से एक नए पश्चिमी विक्षोभ का सामना करेगा. जहां इसका दायरा पहले 1 और 2 मई को था. वहीं, अब 4 मई तक यह जोरदार असर दिखाने जा रहा है. प्रदेश भर के अलग- अलग इलाकों में रुक- रुक कर हल्की से तेज बारिश हो रही है. ओलावृष्टि का भी खतरा मंडरा रहा है. अंबाला, यमुनानगर, कैथल, जींद करनाल, पानीपत, कुरुक्षेत्र समेत कई अन्य जिलों में रात के समय बारिश दर्ज की गई.

मौसम विभाग के अनुसार, आज पूरे प्रदेश में 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आंधी, ओलावृष्टि और हवा की गति रहेगी. इसको लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है. पूरे राज्य में मौसम एक साथ नहीं बिगड़ने वाला है लेकिन इसका असर इलाकों में रुक- रुक कर देखने को मिलेगा.

तापमान में भी हुई गिरावट

मौसम के बदलाव के साथ ही तापमान में भी जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई है. अप्रैल माह में केवल 3 दिन ही अधिकतम तापमान 40 डिग्री के पार गया है. न्यूनतम तापमान फिलहाल 18 डिग्री से नीचे चल रहा है. सुबह शाम ठंडी हवा के झोंके लोगों को गर्मी का लुत्फ उठा रहे हैं. अप्रैल माह में सामान्य से 5 मिमी अधिक बारिश हुई है. अप्रैल में 14.6 मिमी बारिश दर्ज की गई है और अप्रैल महीने में बारिश का 8 साल का रिकॉर्ड टूट गया है. पिछले महीने में 54 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है.

अब आगे ऐसा रहेगा मौसम

हरियाणा में आज से लगातार 4 दिन मौसम पूरी तरह खराब रहेगा. कब और कहां बारिश हो और ओले गिरें. सभी 22 जिलों के लिए मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है. गरज- चमक के साथ कुछ जिलों में बारिश और अधिकांश जिलों में ओलावृष्टि और तेज हवा चलने की प्रबल संभावना है. 2 मई को खतरा आज से ज्यादा है. 3 और 4 मई को भी बारिश का येलो अलर्ट है.

मंडियों में लगे हैं गेहूं के ढेर

प्रदेश में लगातार पश्चिमी विक्षोभ के कारण जनवरी से ही आम लोगों खासकर किसानों को खराब मौसम का सामना करना पड़ रहा है. ओलावृष्टि और बारिश से गेहूं और सरसों को व्यापक नुकसान हुआ है. अब अनाज मंडियां गेहूं से लबालब हैं और चार दिन से जारी बारिश से 15 लाख टन गेहूं भीगने का खतरा है. कुछ क्षेत्रों में किसानों की गेहूं कटाई का काम अभी तक पूरा नहीं हुआ है. उन्हें भी मौसम की मार का डर सता रहा है.

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