सरपंचों के भत्ते पर वित्त विभाग ने लगाई रोक, पंचायत प्रतिनिधियों में रोष

बाढड़ा । विकास एवं पंचायत विभाग ने 2 साल पहले घोषित पूर्व पंचायत प्रतिनिधियों की 10 लाख रूपये की सम्मान भत्ता राशि को जारी किया. लेकिन यह राशि मिल पाती, इससे पहले ही वित्त विभाग द्वारा इस पर कुछ शर्ते लगाकर इसके वितरण पर रोक लगा दी गई. बता दें कि 31 मार्च को वित्त वर्ष समाप्त हो गया. जिसके कारण अब नए निर्देशक चयनित पूर्व पंचायत प्रतिनिधियों के खातों में पैसे नहीं डालने का फैसला लिया गया है.

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महिला सरपंचो को डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला द्वारा स्कूटी देने का फाइल फोटो ।

पूर्व सरपंचों को अभी तक नहीं मिली सम्मान राशि 

इस राशि को जारी करने के लिए पूर्व सरपंच एसोसिएशन कई बार आंदोलन कर चुकी हैं. जिसके चलते सीएम व राज्यपाल को मांग पत्र भेजकर,  मुख्य चौक पर भी रोष जताया जा चुका है. इस पर सरकार ने बजट को जारी किया, लेकिन आखिरी समय में वित्त विभाग द्वारा इस पर रोक लगा दी गई. जिसकी वजह से रोष काफी बढ़ गया. प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2018 में पूर्व सरपंचों को सम्मान भत्ते के तौर पर अप्रैल 2019 से प्रतिमाह ₹1000 की शुरुआत करने की घोषणा की गई. अभी तक 1 साल का समय बीत चुका है,  लेकिन अभी तक आवेदकों को ₹1 भी नहीं मिला है.

जिसके बाद प्रदेश सरकार ने अगस्त 2020 में 50 सरपंचों के खातों में पांच-पांच हजार रूपये भेजें. लेकिन उसके बावजूद अभी तक 2 साल बीतने पर भी,  कई पूर्व प्रतिनिधियों के खातों में एक भी रुपए नहीं आया है. इसके विरोध स्वरूप पूर्व सरपंच एसोसिएशन संयोजक सीताराम शर्मा,  पूर्व सरपंच ओमप्रकाश पंचगावा, सरपंच विजय मोटूआदि सरपंचों ने कस्बों में रोष सभा करके उपायुक्त को मांग पत्र सौंपा. बीडीपीओ युद्धवीर सिंह से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि खंड के सभी पूर्व सरपंच प्रतिनिधियों के सम्मान पत्र के रूप में ₹10 लाख की राशि आई थी,  जो पिछले माह उनके खातों में नहीं भेजी गई . अब वित्त विभाग द्वारा उस पर कुछ शर्ते लगा दी गई है. जिसकी वजह से कुछ समय के लिए इस पर रोक लग गई है.

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