खेल-खेल में बच्चों को मिलेगा ज्ञान, हरियाणा में अब आंगनबाड़ी बनेगी अब प्ले स्कूल

चंडीगढ़ | हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर 1 अप्रैल को प्रदेश भर के 4000 आंगनबाड़ी केंद्रों को प्ले स्कूल के रूप में क्रियान्वित कर शुभारंभ करेंगे. फतेहाबाद के उपायुक्त प्रदीप कुमार ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि इन आंगनबाड़ी केंद्रों के प्ले स्कूलों में 3 से 6 साल तक के बच्चों को पूर्व स्कूली शिक्षा मुहैया कराई जाएगी. गौरतलब है कि केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा 29 जुलाई 2020 को नई शिक्षा नीति 2020 को मंजूरी मिल गई थी. बता दें इससे पहले पूर्व प्राथमिक शिक्षा अनिवार्य नहीं थी.

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नई शिक्षा नीति 2020 के मुताबिक पहली कक्षा से पहले पूर्व प्राथमिक शिक्षा ग्रहण करना. जो कि पहले अनिवार्य नहीं था. ऐसे में संपन्न परिवार के लोग अपने 3 साल तक के बच्चों को महंगे व प्राइवेट स्कूलों में दाखिला दिलवाते हैं. परंतु मध्यम एवं गरीब परिवार के लोग प्राइवेट स्कूल के खर्चे नहीं उठा सकते. ऐसे में वह अपने बच्चों को सीधे सरकारी स्कूल भेजने लगते हैं. पूर्व प्राथमिक शिक्षा ग्रहण किए बिना ऐसे बच्चे सही प्रकार से शिक्षा ग्रहण करने के सक्षम नहीं होते और उनका सर्वांगीण विकास सही प्रकार से नहीं हो पाता.

खेल के माध्यम से बच्चों को किया जाएगा शिक्षित

उपायुक्त प्रदीप कुमार ने आगे बताया है कि नई शिक्षा नीति 2020 के मुताबिक, अब हरियाणा में पहली कक्षा में दाखिले से पहले पूर्व प्राथमिक शिक्षा ग्रहण करने के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों को प्ले स्कूल में तब्दील किया जाएगा. जिसमें बच्चों की योग्यता और रूचि के अनुरूप उन्हें शिक्षा प्रदान की जाएगी और बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार किया जाएगा.

इसके तहत बच्चों के महत्वपूर्ण विकासों को ध्यान रखते हुए गतिविधियों एवं खेल के माध्यम से शिक्षित किया जाएगा. इस दौरान बच्चों को शारीरिक विकास जैसे बटन लगाना, चुटकी बजाना, ताली बजाना, क्ले से खेलना आदि सिखाया जाएगा. जिससे बच्चों की सूक्ष्म मांसपेशियों का विकास होता है. रस्सी कूदना, उछलना, रस्सी पर चलना, सीढ़ियों से चढ़ना उतरना, हल्के व्यायाम कराए जाएंगे. जिससे बच्चे का विकास होगा. एवं बच्चों की बौद्धिक क्षमता के विकास के लिए उन्हें वर्गीकरण करना, आकार बताना, छोटा बड़ा बताना, मिलान कराना, खुशबू पहचानना, स्वाद बताना आदि सिखाया जाएगा.

उपायुक्त ने आगे बताया कि आंगनबाड़ी में आकर अपनी अध्यापिका का कैसे अभिनंदन किया जाए, प्रार्थना करना, एक साथ मिलकर खेलना, अपनी बारी का इंतजार करना जैसे सामाजिक विकास भी होंगे.कहानी सुनाना गपशप बालगीत स्वतंत्र वार्ता आदि से बच्चों में भाषा का विकास होगा क्ले से खेलना रंग भरना बॉक्सिंग ड्राइंग करने आदि से बच्चे का शारीरिक, बौद्धिक, रचनात्मक एवं मानसिक विकास होगा. इस तरह खेल खेल और गतिविधियों के माध्यम से बच्चों को स्कूल जाने से पहले तैयार किया जाएगा और यह सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को ट्रेनिंग के दौरान सिखाया गया है इससे बच्चों का सर्वांगीण विकास होगा और बच्चों में अच्छे संस्कार विकसित होंगे.

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