6500 के पार हुई सरसों, अब गेहूं की भी मांग बढ़ी, भाव में तेजी के पीछे व्यापारियों ने बताई यह वजह

हिसार | रूस- यूक्रेन के बीच लगभग एक महीने से छिड़ी जंग का असर हरियाणा तक देखने को मिल रहा है. जंग की वजह से सरसों फसल का भाव तेजी से बढ़ रहा हैं और अभी इसमें और बढ़ोतरी के आसार नजर आ रहे हैं. लोगों के बीच यह चर्चा जोरों पर है कि युद्ध की वजह से फसलों के भाव में उछाल आ सकता है. अभी से सरसों व गेहूं की फसल की मांग बढ़ने लगी है. सरसों के भाव में अचानक से 300 रुपए प्रति क्विंटल तक बढ़ोतरी हो गई है.

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वहीं व्यापारियों ने भी आशंका जताई है कि फसल के भाव में अच्छी-खासी बढ़ोतरी हो सकती है. इस वजह से सरकारी खरीद पर किसान अपनी फसल नहीं बेच रहे हैं. सरसों की सरकारी खरीद 21 मार्च से शुरू हुई थी लेकिन अभी तक सरकार के पास एक दाना भी नहीं पहुंचा है. किसान सरसों की फसल को सरकारी खरीद एजेंसी हैफेड को बेचने की बजाय सीधे आढ़तियों को बेच रहे हैं. ऐसे में बड़ा सवाल यह खड़ा हो रहा है कि सरकारी भंडारण की पूर्ति कैसे पूरी की जाएं. पहले भंडारण किया गया अनाज भी लगभग समाप्त होने के कगार पर पहुंच गया है.

यह मानी जा रही है वजह

मंडी व्यापारियों ने बताया कि यूक्रेन सुरजमुखी का सबसे बड़ा निर्यातक देश है. रूस और यूक्रेन से सुरजमुखी का तेल आता था, लेकिन दोनों देशों के बीच छिड़ी जंग की वजह से निर्यात नहीं हो पाया. ऐसे में सरसों तेल की मांग बढ़ना लाजमी है तो वहीं दूसरी ओर मलेशिया से पाम आना भी बंद हो गया है.

किसानों में खुशी

दो दिन पहले जो सरसों व्यापारी 5800 से 6200 रुपए प्रति क्विंटल तक खरीद रहे थे वही भाव बढ़कर अब 6500 रुपए के पार पहुंच गया है. भाव बढ़ने की खुशी किसानों के चेहरों पर साफ नजर आ रही है. बता दें कि हरियाणा सरकार ने सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 5050 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया हुआ है लेकिन बाहर किसानों को एमएसपी से कही ज्यादा भाव मिल रहा है, जिसके चलते किसान सरकारी खरीद पर अपनी फसल नहीं बेच रहे हैं.

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