24 नवंबर को दिल्ली-चंडीगढ़ हाइवे जाम करेंगे किसान, खट्टर सरकार पर लगाया वादाखिलाफी का आरोप

चंडीगढ़ | हरियाणा के किसान एक बार फिर खट्टर सरकार की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं. किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने बताया कि 24 नवंबर को रेल का चक्का जाम करने का फैसला टाल दिया गया है क्योंकि किसानों की चेतावनी के बाद रेलवे विभाग ने किसानों पर दर्ज सभी मुकदमों को वापस ले लिया है. लेकिन, हरियाणा की खट्टर सरकार वादाखिलाफी कर रही है इसलिए अब दिल्ली- चंडीगढ़ हाइवे को जाम किया जाएगा.

Gurnam Singh Chadhuni

सरकार की वादाखिलाफी

किसान नेता गुरनाम सिंह ने बताया कि हरियाणा सरकार किसानों पर दर्ज मुकदमों को वापस लेने के वादे से मुकर रही है. कई केस ऐसे हैं जिन्हें वापस लेने की अभी तक प्रकिया भी शुरू नहीं हुई है, जैसे FIR नंबर 206 व 271 जबकि आंदोलन के समझौते के वक्त सीएम खट्टर ने किसानों के शिष्टमंडलों से ये केस वापस लेने का वादा किया था. करीब 32 केस आंदोलन के पहले के ऐसे हैं जो आंदोलन समझौते के दौरान वादा करने के बावजूद भी वापस नहीं हुए हैं. ऐसे में 24 नवंबर को मोहड़ा अनाज मंडी के पास नेशनल हाईवे जाम किया जाएगा.

क्या आ रही है दिक्कत

किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने बताया कि हरियाणा में दर्ज ज्यादातर केस अदालतों में पेंडिंग हैं. हालांकि खट्टर सरकार ने केसों को रद्द करने की सिफारिश दी हुई है लेकिन उसके बावजूद भी केस कोर्ट में विचाराधीन है. जिसके चलते बहुत से लोगों के शस्त्र लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं और पासपोर्ट बनवाने में अड़चन आ रही है.

सरकार कर रही है ये दावा

वहीं, किसान नेताओं के दावों के विपरित प्रदेश सरकार का कहना है कि किसान आंदोलन में दर्ज हुए मुकदमों को वापस ले लिया गया है. अब तक 294 केस रद्द हो चुके हैं जबकि कुछ केसों को रद्द करने की प्रक्रिया जारी है. खट्टर सरकार ने दावा करते हुए कहा है कि 164 केसों को रद्द करने की मंजूरी हमने प्रदान कर रखी है जबकि कोर्ट की ओर से 98 मामलों को रद्द करने के लिए मंजूरी दे दी है.

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