हरियाणा में बेरोजगारों के लिए झटका, 2 साल से खाली पड़े लाखों पदों पर पड़ी काली नजर

चंडीगढ़ | हरियाणा में सरकारी पदों की तलाश कर रहे हजारों नौकरी चाहने वालों के लिए बड़ा झटका है. राज्य सरकार ने सभी विभागों, बोर्डों और निगमों में पिछले दो वर्षों में रिक्त या खाली पड़े सभी पदों को तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया है. राज्य के वित्त विभाग ने आर्थिक हालातों का हवाला देते हुए सोमवार को सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागों के प्रमुखों, बोर्डों और निगमों के प्रबंध निदेशकों, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल, सभी मंडल आयुक्तों, उपायुक्तों और कुलपतियों को आदेश जारी किए. जिसमें कहा गया है कि जो पद 2 वर्ष से नहीं भरे गए हैं उन्हें समाप्त माना जाए.

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पदों को भरने के लिए नहीं किया जाएगा विचार

सबसे खास बात यह है कि सरकार की तरफ से कहा गया है कि दो साल के बाद पद के पुनरुद्धार पर किसी भी मामले में विचार नहीं किया जाएगा. इससे उम्मीदें और खत्म हो गई. अतिरिक्त मुख्य सचिव (वित्त) टी वी एस एन प्रसाद द्वारा जारी आदेश में कहा गया कि यदि विभाग को इन पदों की आवश्यकता है तो पूर्ण कार्यात्मक औचित्य सहित निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुए एक नया पद सृजित करने का नया प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजा जा सकता है.

आदेशों में आगे कहा गया है कि हालाँकि ये शर्तें उन पदों पर लागू नहीं होंगी. जिनके लिए हरियाणा लोक सेवा आयोग या हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग को पहले ही मांग भेजी जा चुकी है और जिनके लिए उनके द्वारा विज्ञापन जारी किए गए हैं और सभी पद जो भरे जाने वाले हैं.

विपक्ष हमेशा से रहा हमलावर

हरियाणा में विपक्षी पार्टियां बेरोजगारी के मुद्दे पर मनोहर लाल खट्टर-दुष्यंत चौटाला गठबंधन सरकार पर हमला करती रही हैं. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) द्वारा जारी आंकड़ों का हवाला देते हुए विपक्ष राज्य सरकार पर 37 प्रतिशत से अधिक की उच्चतम बेरोजगारी दर के साथ हरियाणा को देश में नंबर 1 बनाने का आरोप लगा रहा है. राज्य सरकार ने सीएमआईई के आंकड़ों को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है और कहा है कि राज्य में बेरोजगारी की दर लगभग 6 प्रतिशत थी.

इस दिन जारी होगा बजट

26- 28 दिसंबर तक आयोजित हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भाजपा-जेजेपी शासन को नॉन-परफॉर्मिंग सरकार की तरह नॉन- परफॉर्मिंग एसेट कहा था. हुड्डा ने बेरोजगारी के मुद्दे पर राज्य सरकार पर निशाना साधा था और दावा किया था कि 1.82 लाख सरकारी पद खाली पड़े हैं. हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र 20 फरवरी से शुरू होने वाला है और विपक्ष बेरोजगारी के मुद्दे पर राज्य सरकार को निशाने पर ले सकता है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर जिनके पास वित्त विभाग भी है, 23 फरवरी को बजट पेश करेंगे.

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