प्रदेश के युवक ने बनाया अत्यंत आकर्षक प्राकृतिक घर, जानें क्यों है खास?

हिसार | प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत की तर्ज पर युवा अपने भविष्य की राहें चुनने का प्रयास कर रहे हैं. इसका सबसे ज्वलंत उदाहरण सीसरखास गांव में देखने को मिला है जहां एक युवक ने अपने खेत में सतगुणी घर का निर्माण किया है जिसमें 50 वर्ष पुरानी जीवनशैली की झलक मिलती है. जो स्वास्थ्य और संस्कृति के संरक्षण की दिशा में अनोखी पहल है. घर का हरा भरा वातावरण मेडिटेशन, योग इत्यादि के लिए अत्यंत अनुकूल परिस्थितियां उपलब्ध करवाता है, जिससे व्यक्ति असीम सुकून का अनुभव कर सकता है.

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आधे एकड़ में बना घर है बांस से निर्मित

गांव के आचार्य धर्मदेव ने बताया कि यह घर आधे एकड़ में बना है जिसकी चारदीवारी बांस के लठ्ठों से बनाई गई है. साथ ही घर के सभी कमरों का आकार झोपड़ीनुमा है जिनकी दीवारें पीली मिट्टी, गोबर, गुलाब, और चंदन के पाउडर से पोत कर तैयार की गई हैं. इन कमरों का फर्श कच्ची मिट्टी से युक्त है, जिसमें पीपल के नीचे की मिट्टी डालकर फर्श का रूप दिया गया है. कमरों की छतें बांस से बनाकर मिट्टी का लेप किया गया है .इसमें आगे निर्मित हॉल भी इसी डिज़ाइन से बनाया गया है जिसमें 20 से 30 लोगों के बैठने की क्षमता है.
पीने के पानी हेतु बारिश का पानी इस्तेमाल किया जाता है जिसे रसोई की छत से नीचे बने कुंड में संग्रहित किया जाता है.

रसोई में किया जाता है मिट्टी के बर्तनों का उपयोग

यहां खाना भी मिट्टी के बर्तनों पर ही बनाया जाता है व इसमें सभी जैविक चीज़ें इस्तेमाल की जाती हैं जो स्वास्थ्य के लिए बहुत उत्तम हैं. साथ ही सनबाथ प्लेटफार्म का निर्माण भी किया गया है जो इसे और भी आकर्षक बनाता है.

जैविक खेती करती है घर की सभी जरुरतों को पूरा

इसके अलावा चार एकड़ में जैविक खेती की जाती है जो सतोगुणी घर की सभी जरुरतों को पूरा करती है जिससे बाजार से सामान लाने की आवश्यकता नहीं पड़ती है. सतोगुणी घर के संचालक स्नातक धर्मदेव ने बताया कि उन्हें इस तरह के घर के निर्माण का विचार विभिन्न राज्यों के भ्रमण के बाद आया जिसके बाद हिमाचल में उनको जैविक खेती , राजस्थान से देशी खानपान व कर्नाटक से बांस के घर का विकल्प सूझा. धर्मदेव एक्यूप्रेशर में एमडी व डीएटी तथा मसाज में डिप्लोमा की पढ़ाई कर चुके हैं.
उन्होंने जनवरी माह में पर्यटन के उद्देश्य से इस घर को सभी आगंतुकों के लिए खोल दिया जो साधारण व प्राकृतिक जीवन मे विश्वास रखते हैं.

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