हिसार के वैज्ञानिक सुधीर चांदना ने बना डाली कोरोना की दवा, लगा 13 महीनो का समय

हिसार । डीआरडीओ दिल्ली के इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन एवं एलाइड साइंस अपर निदेशक और वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ सुधीर चांदना ने कोविड रोधी दवा 2- डी ऑक्सी – डी -ग्लूकोज (2-डीजी) को तैयार करने में सफलता हासिल की है. डॉ सुधीर चांदना हिसार जिले के रहने वाले हैं. डॉ सुधीर चांदना साल 1989 में एचएयू विश्वविद्यालय के विधार्थी रह चुके हैं.
डॉ सुधीर चांदना ने कॉलेज ऑफ बेसिक साइंस से जेनेटिक्स साइंस से एमएससी की. उनके द्वारा तैयार की गई दवा को सरकार ने एमरजेंसी में इस्तेमाल करने की मंजूरी दे दी है. डॉ सुधीर चांदना की इस कामयाबी पर हिसार के साथ-साथ प्रदेशभर से लोग उन्हें और उनके परिवार को बधाई दे रहे हैं. डॉ सुधीर चांदना बतौर एल्यूमीनी एचएयू विश्वविद्यालय के छात्र एवं छात्राओं को भी रिसर्च के संबंध में ऑनलाइन टिप्स देते रहते हैं.

sudhir chadana
अप्रैल 2020 में जब कोरोना महामारी का प्रभाव बढ़ने लगा तो हैदराबाद की डा रेड्डीज लैबोरेट्रीज की सहायता से दवाई बनाने का काम शुरू किया. हैदराबाद की लैब में एक्सपेरिमेंट के बाद दवाई का क्लीनिकल ट्रायल शुरू हुआ. ड्रग कंट्रोलर से क्लीनिकल ट्रायल की अनुमति मिलने के बाद मई से लेकर अक्टूबर तक ट्रायल चला.फेज -2 के क्लीनिकल ट्रायल में 17 हस्पतालों में दाखिल 200 से अधिक मरीजों पर ट्रायल किया गया जिसके सकारात्मक परिणाम निकल कर सामने आएं.
फेज-3 क्लीनिकल ट्रायल की अनुमति मिलते ही दिसंबर 2020 में 250 मरीजों पर ट्रायल किया गया जिसके नतीजे भी उम्मीद के मुताबिक रहे. अब उनके द्वारा तैयार दवा को एमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत मिल गई है. अब हैदराबाद की डा रेड्डीज लैबोरेट्रीज ही इस दवाई को व्यापक स्तर पर तैयार करने का काम करेंगी.

विदेशों में भी नाम रोशन कर चुके हैं डॉ सुधीर चांदना

कोरोना रोधी दवा बनाने वाले वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ सुधीर चांदना कई बीमारियों समेत अन्य विषयों पर भी रिसर्च कर चुके हैं. डॉ सुधीर चांदना करीब 17 साल पहले यंग साइंटिस्ट के अवार्ड से भी नवाजें जा चुके हैं. जर्मनी, आस्ट्रेलिया और स्वीडन में उनके द्वारा प्रस्तुत किए गए रिसर्च पेपर की विदेशियों ने भी सराहना की है.

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