1 नवम्बर से इन बसों को नहीं मिलेगी दिल्ली में एंट्री, अभी से शुरू हुआ विरोध

नई दिल्ली | 1 नवंबर से दिल्ली में बीएस-4 श्रेणी की बसों के प्रवेश पर प्रतिबंध के विरोध में परिवहन क्षेत्र के विभिन्न संगठन उतर आए हैं. दिल्ली कॉन्ट्रैक्ट बस एसोसिएशन के महासचिव हरीश सभरवाल ने कहा है कि पर्यटक बसें एनसीआर परमिट के अंतर्गत नहीं आती हैं. इस संबंध में उन्होंने परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत से बात की है. साथ ही, इन संगठनों ने इस संबंध में परिवहन विभाग के आदेश को तुगलकी फरमान बताया है. उन्होंने आदेश पर भी सवाल उठाए हैं.

Haryana Roadways Bus

इस मामले में वह ट्रांसपोर्ट कमिश्नर आशीष कुंद्रा से मिलेंगे, इसके लिए उन्होंने उनसे समय लिया है. उन्होंने कहा कि एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन के आदेश में कहीं भी टूरिस्ट बसों का जिक्र नहीं है. लेकिन परिवहन विभाग स्थिति स्पष्ट नहीं कर रहा है. उन्होंने कहा है कि इसके विरोध में आज जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया जाएगा.

एसोसिएशन ने बताया तुगलकी फरमान

दिल्ली टैक्सी एंड टूरिस्ट ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन ने कहा है कि दिल्ली सरकार, दिल्ली परिवहन विभाग और वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने प्रदूषण के नाम पर 1 नवंबर से हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश से बीएस-4 डीजल बसों के दिल्ली में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है. इसे बंद करने का तुगलकी फरमान जारी किया गया है.

उधर, एसटीए ऑपरेटर एकता मंच के महासचिव श्यामलाल गेला ने भी ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट वाली बसों को अनुमति नहीं देने पर नाराजगी जताई है. उन्होंने मांग की है कि इन बसों को अनुमति दी जानी चाहिए. ऐसा नहीं करने पर बस मालिकों के सामने बड़ी आर्थिक समस्या खड़ी हो जायेगी.

एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय सम्राट ने कहा है कि हमारी बीएस-4 डीजल बसें भी ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट के अंतर्गत हैं. दिल्ली परिवहन विभाग ने इसका अलग से जिक्र नहीं किया है. इससे पहले एनसीआर दिल्ली के किसी भी ट्रांसपोर्टर एसोसिएशन को न तो इस बारे में सूचित किया गया और न ही आयोग या दिल्ली सरकार द्वारा की गई किसी बैठक में बुलाया गया.

कहां से चुकाई जाएंगी किश्तें

आपको बता दें कि ये बसें ज्यादातर पर्यटकों को दिल्ली के बजाय दूसरे राज्यों में ले जाती हैं, लेकिन डीजल ट्रकों को स्वतंत्र रूप से चलने की अनुमति दी गई है. उन्होंने कहा है कि 2019 के आखिरी महीने में कई ट्रांसपोर्टरों ने खूब डीजल बीएस-4 बसें खरीदीं, अब तीन साल में से दो साल कोरोना के कारण पार्किंग में खड़ी रहीं, अब इन गाड़ियों का क्या होगा. उनकी किश्तें कहां से चुकाई जाएंगी.

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