हरियाणा में बाल गृह से लड़की को प्रेमी ने किया गायब, पिछले 7 महीनों से पुलिस कर रही है तलाश

चंडीगढ़ । प्यार इंसान को इस कदर अंधा कर देता है कि उसे अच्छे बुरे वह कानून व समाज की कोई परवाह नहीं होती. ऐसा ही एक मामला पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के सामने आया है. जिसमें प्रेमी ने अपनी 14 साल की नाबालिग प्रेमिका का नाम बदलकर न केवल उसका फर्जी आधार कार्ड बनवाया, बल्कि उसे 19 साल की दिखाकर हाईकोर्ट से सुरक्षा के आदेश भी हासिल कर लिए. जब लड़की के पिता ने इस मामले की शिकायत की, तो जांच के दौरान आधार कार्ड फर्जी निकला. इसके बाद कोर्ट ने लड़की की कस्टडी एसपी नूह को देते हुए उसे बाल गृह मे रखने के आदेश दिये .

Police Photo

पिछले 7 महीनों से पुलिस कर रही है लड़की की तलाश

लड़का,  लड़की को बाल गृह से भगा कर ले गया और पुलिस देखती रह गई. बता दे कि सरकारी आश्रय स्थल से लड़की के गायब हो जाने के 7 माह के बाद भी उसका पता नहीं लग पाया. नाबालिक लड़की का पता ना लगाने की वजह से पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट पुलिस से नाराज है. कोर्ट ने एसपी को चेतावनी दी कि अगर शुक्रवार तक लड़की का पता लगाकर उसे हाई कोर्ट के सामने पेश नहीं किया गया, तो एसपी को खुद हाईकोर्ट के समक्ष पेश होकर जवाब देना होगा.

बता दें कि इस मामले में दिलचस्प बात यह है कि लड़की ने अपने माता-पिता की इच्छा के खिलाफ आरोपी से शादी की थी. यह मामला उस वक्त सामने आया जब नुहू निवासी अरशद खान ने दिसंबर 2020 में एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर अपनी बेटी को तलाश करने और लड़के के कब्जे से रिहा करने की मांग की थी. उसने अपनी याचिका में कहा कि उसकी बेटी 14 साल की है, लड़के ने उसे बहकाया  है जिसके लिए 10 अक्टूबर 2020 को लड़के के खिलाफ उसकी बेटी के अपहरण के लिए प्राथमिकी भी दर्ज की गई.

हाईकोर्ट से मिले सुरक्षा आदेशों की वजह से पुलिस उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही थी. हाई कोर्ट के निर्देश पर लड़की को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश किया गया. जिसमें उसने अपने पिता के साथ जाने से इंकार कर दिया और लड़के के साथ रहने की ही बात कही. जब हाईकोर्ट ने लड़की के आधार कार्ड की जांच की तो वह फर्जी मिला, उम्र की जांच करने पर लड़की 14 वर्ष की पाई गई.

इस मामले पर हाईकोर्ट ने माना कि लड़का संबंधित लड़की को साथ रखने का हकदार नहीं है. 23 दिसंबर 2020 को हाईकोर्ट ने लड़की की हिरासत एसपी नुहू को सौंप दी, जिससे उसे बाल गृह में रखा जा सके. इस मामले की दूसरी बार सुनवाई 5 जुलाई को हुई थी. जिसमें हाई कोर्ट ने फिर से एसपी को लड़की का पता लगाने और उसे कोर्ट के सामने पेश करने के निर्देश दिए थे.

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