हरियाणा में मौसम बदला, हरियाणा- पंजाब में पराली जली तो प्रदूषण से चंडीगढ़ के हालात होंगे ख़राब

चंडीगढ़ | हरियाणा के कई हिस्सों में बारिश देखी जा रही है वहीं कुछ हिस्सों में तेज तो कुछ इलाकों में हल्की बूंदाबांदी देखने को मिल रही है. मानसून अपने अंतिम चरण में है क्योंकि अब समय मानसून की विदाई का आ गया है. वहीं, चंडीगढ़ समेत पंजाब और हरियाणा में मानसून सक्रिय हो गया है. मंगलवार रात से ही कई जगहों पर रुक-रुक कर हो रही बारिश से मौसम सुहावना हो गया है.

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चंडीगढ़ में गुरुवार की सुबह भी बूंदाबांदी के साथ शुरू हुई. बारिश के कारण अब कई दिन पहले तक तड़पती रही उमस से भी अब राहत मिली है. साथ ही, ऋतुओं के परिवर्तन का आभास हो रहा है. अब रात को ठंड लगने लगी है. इसी के साथ अब प्रदूषण को लेकर टेंशन बढ़ने लगी है.

इन दिनों धान का सीजन जोरों पर है. धान की कटाई चल रही है. पंजाब और हरियाणा में धान की कटाई हो रही है. इससे अब पराली जलाने की घटनाएं भी सामने आने लगी हैं. हालांकि, इस बार किसानों में इसको लेकर जागरूकता भी देखने को मिल रही है. बंडल बनाकर पराली को बचाया जा रहा है.

लेकिन, कई किसान अभी भी ऐसा नहीं करते हैं. इसे देखते हुए अब चंडीगढ़ में भी प्रदूषण का खौफ सता रहा है. अभी तक वायु गुणवत्ता सूचकांक का स्तर 50 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से नीचे चल रहा है. गुरुवार सुबह 11 बजे एक्यूआई 49 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया. अगर पराली जलाने की घटनाएं बढ़ती हैं तो प्रदूषण का स्तर भी लगातार बढ़ता जाएगा.

साथ ही, तापमान का गिरता स्तर प्रदूषण को बढ़ावा देने के लिए आग में ईंधन का काम करेगा. जैसे-जैसे पारा गिरेगा और पराली का धुंआ बढ़ेगा, यह वातावरण की हवा में जहर घोलेगा. साथ ही ये हवाएं चंडीगढ़ की हवाओं को भी प्रभावित करती हैं. इस वजह से अब सबकी नजर पंजाब और हरियाणा पर है.

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