पिता की मौत के बाद अनिल विज ने संभाला परिवार, इस तरह तय किया गृहमंत्री बनने तक का सफर

अंबाला | हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज (Anil Vij) प्रदेश के सबसे लोकप्रिय नेताओं में से एक माने जाते हैं. अक्सर जनता उन्हीं के पास न्याय की उम्मीद लगाए उनके आवास पर जाती है. रोजाना सैकड़ों की संख्या में लोग गृह मंत्री अनिल विज के आवास पर अपनी शिकायत लेकर पहुंचते हैं. ऐसे में जनता का विश्वास मुख्यमंत्री मनोहर लाल से अधिक गृह मंत्री अनिल विज पर है. आइए जानते हैं अनिल विज के कुछ अनसुने किस्से…

anil vij dance

1990 में पहली बार बने विधायक

राजनीति में कदम रखते हुए वह 1990 में उपचुनाव जीतकर पहली बार विधायक चुने गए थे. अब हरियाणा के गृह मंत्री बनकर उन्होंने पूरे देश में नाम कमाया और आज वह देश के लोकप्रिय नेता बन गए हैं. उनका जन्म 15 मार्च 1953 को हरियाणा के अंबाला में हुआ था. उनके पिता का नाम भीम सेन जो रेलवे में अधिकारी थे. पिता के निधन के बाद घर की जिम्मेदारियां विज के कंधों पर आ गईं थी. बता दे विज ने 1968 में बनारसी दास स्कूल से हाई स्कूल और एस.डी. कॉलेज, अम्बाला से बी.एससी की है.

छात्र संघ के रहे अध्यक्ष

विज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के छात्र संघ अध्यक्ष अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में शामिल हुए, जब वे एसडी कॉलेज, अंबाला कैंट में पढ़ रहे थे. 1970 में वह एबीवीपी के महासचिव बने. 1974 में उन्हें भारतीय स्टेट बैंक में नौकरी मिल गई. उन्होंने 16 वर्षों तक एक बैंक अधिकारी के रूप में काम किया.

बैंक की नौकरी छोड़कर बने विधायक

1990 में जब सुषमा स्वराज राज्यसभा की सदस्य चुनी गईं तो अंबाला कैंट विधानसभा सीट खाली हो गई. इस सीट पर उपचुनाव होना था. अनिल विज ने चुनाव लड़ने की पेशकश की और उन्होंने एसबीआई की नौकरी छोड़ दी. किस्मत ने उनका साथ दिया और वह पहली बार विधायक बनकर हरियाणा विधानसभा पहुंचे. 1991 में उन्हें भारतीय जनता युवा मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया.

दो बार बने निर्दलीय विधायक

अनिल विज दो बार निर्दलीय के तौर पर हरियाणा विधानसभा में भी जा चुके हैं. 1996 और 2000 में अनिल विज ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और दोनों बार जीत हासिल की और 2005 में वह चुनाव हार गये. इसके बाद, 2009 में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर अंबाला छावनी सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. 2014 में वह एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी के अंबाला छावनी के विधायक चुने गए और 2019 में वह छठी बार भारतीय जनता पार्टी के अंबाला छावनी के विधायक चुने गए.

2019 में लगातार तीसरी बार बने विधायक

2019 में 14वीं हरियाणा विधानसभा के आम चुनाव में विज अंबाला कैंट सीट से लगातार तीसरी बार और कुल छठी बार जीतकर विधायक बने. साढ़े 55 साल पहले जब संयुक्त पंजाब से अलग होकर 1 नवंबर 1966 को हरियाणा देश का नया राज्य बना तो अंबाला कैंट में बीजेपी (जनता पार्टी और भारतीय जनसंघ) ने 7 बार जीत हासिल की. बता दे यहाँ से 5 बार कांग्रेस पार्टी जीती है जबकि 2 बार निर्दलीय उम्मीदवार जीते हैं और दोनों बार निर्दलीय उम्मीदवार विज थे.

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