हरियाणा में भवन निर्माण सामग्री के भाव छू सकते हैं आसमान, ये है बड़ी वजह

तोशाम | हरियाणा के भिवानी जिलें के क्षेत्र खानक (तोशाम) में खनन करने वाली कंपनी HSIIDC के एक फैसले ने क्रेशर मालिकों के सामने दुविधा खड़ी कर दी है तो वहीं इस फैसले से भवन सामग्री की कीमतों में भी बढ़ोतरी हो सकती है. कंपनी द्वारा जहां लाल पत्थर की कीमत 50 रुपए प्रति टन घटा दी गई है तो वहीं एक सप्ताह से नीले पत्थर की बोली बंद की हुई है. कंपनी का कहना है कि लाल पत्थर नहीं बिकने तक नीले पत्थर की बोली बंद रहेगी.

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ऐसे में नीले पत्थर की बोली बंद होने व लाल पत्थर की कीमत घटाने से समीकरण गड़बड़ा गए हैं. क्रेशर मालिक इस पत्थर की खरीद में कोई रुचि नहीं दिखा रहें हैं और नीले पत्थर पर रोक की वजह से भवन निर्माण सामग्री का अभाव हो सकता है. जिस लाल पत्थर की HSIIDC कंपनी द्वारा बोली करवाई जा रही है, उस पत्थर की रोड़ी व क्रेशर खरीदने के लिए ग्राहक पास ही नहीं आ रहे हैं.

पत्थर के भाव घटे व रोड़ी व क्रेशर के भाव बढ़े

एक तरफ तो HSIIDC कंपनी द्वारा पत्थर के रेट में 50 रुपए प्रति टन की कमी की गई है तो वहीं दूसरी ओर रोड़ी व क्रेशर के दाम में 50 रुपए प्रति टन का इजाफा किया गया है. नीले पत्थर की रोड़ी व क्रेशर की कीमत 550 रुपए से बढ़कर 600 रुपए प्रति टन हो गई है. क्रेशर मालिकों का कहना है कि नीला पत्थर नहीं मिलेगा तो क्रेशर कहा से चलेंगे.

वहीं इस मामले को लेकर HSIIDC के मैनेजर अनिल सिंगला ने बताया कि तीन पीटों में लाल पत्थर बचा हुआ है, जैसे ही यह पत्थर समाप्त होता है ,नीले पत्थर की बोली शुरू कर दी जाएगी. लाल पत्थर के भाव में 50 रुपए प्रति टन की कमी करने पर यह 275 रुपए से घटकर 225 रुपए प्रति टन हो गया है.

आम आदमी पर पड़ेगी महंगाई की मार

वहीं क्रेशर यूनियन के प्रधान सुनील जिंदल ने कंपनी के रवैए पर सवाल उठाते हुए कहा कि जिस लाल पत्थर की बोली करवाई जा रही है,वो बिल्कुल निम्न स्तर का माल हैं और उस माल से तैयार रोड़ी व क्रेशर को खरीदने में ग्राहक आनाकानी कर रहे हैं. नीले पत्थर की बोली बंद होने से बढ़िया माल का भाव 50 रुपए प्रति टन बढ़ जाएगा जिसका नुकसान आम आदमी को झेलना पड़ सकता है.

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