उच्च शिक्षा विभाग, हरियाणा का नया फरमान यूनिवर्सिटी करें फाइनल ईयर के एग्जाम की तैयारी

आज  उच्च शिक्षा विभाग, हरियाणा  (Department of Higher Education, Haryana)  की तरफ से एक नया फरमान जारी किया गया है l आज 13 अगस्त को करीबन शाम 4:00 बजे उच्च शिक्षा विभाग, हरियाणा की तरफ से एक नया नोटिस जारी किया गया है जिसमें बताया गया है कि सभी यूनिवर्सिटी यूजीसी के द्वारा दी गई गाइडलाइंस को फॉलो करें यानी जो भी फाइनल ईयर/ सेमेस्टर के बच्चे हैं उनकी परीक्षा की तैयारी करवाएं l

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उस दिए गए नोटिस में उच्च शिक्षा विभाग, हरियाणा की तरफ से यह भी कहा गया है कि यूजीसी की दिशानिर्देश अनुसार कोई भी यूनिवर्सिटी अपने हिसाब से पेपर ले सकती है या नहीं किसी भी मोड़ से ऑफलाइन या ऑनलाइन  l फाइनल ईयर के बच्चों को एग्जाम को लेकर अभी तक उच्च शिक्षा विभाग, हरियाणा की तरफ से कोई भी प्रतिक्रिया नहीं आई थी l

ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के  निर्देश से पहले ही उच्च शिक्षा विभाग, हरियाणा की तरफ से यह नोटिस जारी करना जारी होने के बच्चे बच्चे हैरान है l आपको बता दें पहले यूजीसी ने एक पत्र लिखकर यह कहा था कि फाइनल ईयर के बच्चों को भी प्रमोट कर दिया जाएगा लेकिन बाद में यूजीसी ने एक दोबारा से रिवाइज्ड नोटिस जारी किया जिसमें बताया कि केवल इंटरमीडिएट  सेमेस्टर / ईयर के बच्चों को ही प्रमोट दिया जाएगा l

यूजीसी ने कहा फाइनल ईयर के एग्जाम बहुत ही जरूरी होते हैं किसी भी विद्यार्थी के लिए इसलिए फाइनल ईयर /सेमेस्टर के एग्जाम सितंबर माह तक करवाए जा सकते है l ऐसे में कुछ विद्यार्थी अपना केस लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे सुप्रीम कोर्ट में इस केस की सुनवाई चल रही है कल यानी 14 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने की संभावना है l यदि कोरोना वायरस महामारी की तरफ देखा जाए तो लगातार 50000 से आसपास मरीज रोजाना बढ़ रहे हैं ऐसे में परीक्षा कराना असंभव लग रहा है l

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यदि इस चीज को देखा जाए तो बच्चों के एग्जाम को रद्द करने की तरफ इशारा किया जा सकता है l देखने वाली बात होगी कि सुप्रीम कोर्ट यूजीसी की तरह चलता है या बच्चों के भविष्य की तरफ चलता है l जी हां साथियों क्योंकि कोरोना वायरस  एक ऐसी महामारी है यदि कोई भी बच्चा इससे प्रभावित होता है तो बहुत ही ज्यादा नुकसान हो सकता है l

 

आपको बता दें यूजीसी के द्वारा यह भी कहा गया था यूनिवर्सिटी अपने हिसाब से ऑनलाइन एग्जाम भी ले सकती है लेकिन ऑनलाइन एग्जाम होना भी मुश्किल है क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों के पास न तो वो मोबाइल फोन है और ना ही कंप्यूटर या लैपटॉप की सुविधा उपलब्ध है दूसरी मेन बाद यह है कि बच्चों के पास इंटरनेट कनेक्टिविटी की भी समस्या आ रही है ऐसे में ऑनलाइन एग्जाम करवाना भी संभव नहीं है l

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