हरियाणा के 40 हजार बुजुर्गों ने बचाया सरकार का 100 करोड़ रुपया, सीएम खट्टर ने कही ये बातें

चंडीगढ़ | हरियाणा के 40 हजार बुजुर्गों ने वृद्धावस्था भत्ता के पात्र होने के बावजूद इन बुजुर्गों ने पेंशन लेने से इनकार कर दिया है. मुख्यमंत्री ने इन वरिष्ठ नागरिकों की महानता को सलाम करते हुए घोषणा की है कि बुजुर्गों के बलिदान से बचाए गए पैसे को वरिष्ठ नागरिक सेवा गृह पर खर्च किया जाएगा. दरअसल, इससे सरकार को हर साल करीब 100 करोड़ रुपये की बचत होगी.

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मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रो- एक्टिव मोड में परिवार पहचान पत्र के माध्यम से वृद्धावस्था पेंशन बनाने के बाद 60 वर्ष से अधिक आयु के पात्र लोगों से संपर्क कर उनकी पेंशन शुरू करने की सहमति ली गई तो 40 हजार वरिष्ठ नागरिकों ने यह पेंशन लेने से मना कर दिया है.

3 हजार मिलेगी पेंशन

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में 60 वर्ष से अधिक उम्र और तीन लाख रुपये से कम वार्षिक आय वाले बुजुर्गों को 2,750 रुपये मासिक पेंशन दी जाती है. 1 जनवरी से 3,000 रुपये पेंशन दी जाएगी. उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों की स्वास्थ्य देखभाल के लिए अस्पतालों में वरिष्ठ नागरिक कॉर्नर बनाये गये हैं. जब कोई बुजुर्ग व्यक्ति बीमार पड़ता है तो वह अस्पताल जाता है.

आमतौर पर अस्पतालों में भीड़ होती है और किसी बुजुर्ग व्यक्ति के लिए डॉक्टर का पर्चा बनवाने और अन्य काम करवाने के लिए लाइन में खड़ा होना बहुत मुश्किल होता है. सीनियर सिटीजन कॉर्नर में डॉक्टर की पर्ची बनाने से लेकर दवा उपलब्ध कराने तक का काम किया जाता है.

अभी यहां चल रहे हैं आश्रम

‘वरिष्ठ नागरिक सेवा आश्रम’ योजना के तहत, सेवा आश्रमों में अकेले रहने वाले बुजुर्गों की देखभाल की जाएगी. ऐसा एक आश्रम रेवाडी में खोला गया है और दूसरा करनाल में निर्माणाधीन है. इसके अलावा, 14 जिलों में इनके लिए जमीन चिन्हित कर ली गई है. वरिष्ठ नागरिकों की सेवा के लिए रेड क्रॉस सोसायटी द्वारा पानीपत, अंबाला और पंचकुला में वृद्धाश्रम चलाए जा रहे हैं.

श्री माता मनसा देवी श्राइन बोर्ड द्वारा पंचकूला में वृद्धाश्रम भी चलाया जा रहा है. इसके अलावा, 13 जिलों-भिवानी, गुरूग्राम, हिसार, जींद, करनाल, कुरूक्षेत्र, पानीपत, पंचकूला, रोहतक, रेवाडी, सिरसा, यमुनानगर, झज्जर और बहादुरगढ़ में 14 डे-केयर सेंटर कार्य कर रहे हैं.

बुजुर्गों की सुरक्षा के लिए बनाई गई प्रहरी योजना

आपको बता दें कि 80 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों के लिए ‘प्रहरी’ योजना शुरू की गई है. राज्य में 80 साल से अधिक उम्र के तीन लाख 30 हजार बुजुर्ग हैं. इनमें से 3,600 बुजुर्ग ऐसे हैं जो अकेले रह रहे हैं. ‘प्रहरी’ योजना के तहत, सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी व्यक्तिगत रूप से इन बुजुर्गों से मिलकर उनका हालचाल जानेंगे.

यदि किसी बुजुर्ग व्यक्ति को चिकित्सा सहायता, संपत्ति की सुरक्षा या किसी अन्य सहायता की आवश्यकता है, तो संबंधित सरकारी विभाग के माध्यम से उसकी मदद की जाएगी. यदि कोई सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी प्रहरी योजना से जुड़ना चाहता है तो वह डायल 112 पर कॉल करके जुड़ सकता है.

सीएम ने कही ये बातें

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शनिवार को ऑडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए विशेष चर्चा कार्यक्रम के तहत पेंशन छोड़ने वाले बुजुर्गों से बातचीत करते हुए कहा कि आप जैसे लोग ही देश और समाज की सच्ची ताकत हैं. सेवा की भावना से इस शेष राशि को 22 जिलों में बनने वाले वरिष्ठ नागरिक सेवा आश्रम योजना के तहत सेवा आश्रमों में निवेश किया जाएगा.

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