पंचायत प्रतिनिधियों को खट्टर सरकार ने दिया एक और बड़ा झटका, भुगतान रोकने की घटाई पॉवर

चंडीगढ़ | हरियाणा में ई- टेंडरिंग को लेकर मचे बवाल के बीच प्रदेश की गठबंधन सरकार ने पंचायती राज प्रतिनिधियों को एक और बड़ा झटका दिया है. अब सरपंच, ब्लॉक समिति और जिला परिषद चेयरमैन सिर्फ एक सप्ताह तक ही ठेकेदार का भुगतान रोक सकेंगे. यदि एक सप्ताह में ठेकेदार को राशि का भुगतान नहीं हुआ तो संबंधित अधिकारियों के पास यह अधिकार चला जाएगा और वह अधिकारी ठेकेदार को राशि का भुगतान करेंगे.

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पहले किसी विकास कार्य पर असंतुष्टि होने पर सरपंच, ब्लॉक समिति और जिला परिषद चेयरमैन के पास ठेकेदार की भुगतान राशि लंबे समय तक रोकने की पॉवर थी लेकिन अब सरकार ने इसके लिए समय सीमा (7 दिन) निर्धारित कर दी है. ऐसे में माना जा रहा है कि इससे पंचायत प्रतिनिधियों का आंदोलन और तेज हो सकता है. वीरवार को इस संबंध में विकास एवं पंचायत विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव की ओर से अधिसूचना जारी कर दी गई है.

अधिसूचना के अनुसार, 25 लाख रुपये तक अदायगी के लिए उपमंडल अधिकारी (SDO) बिल बनाकर और वेरिफाई करके संबंधित पंचायती राज संस्था के वितरण अधिकारी को भेजेगा जो बिल को पास करके ठेकेदार के बिल की अदायगी डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से सात दिनों में करेगा.

अगर सरपंच 7 दिनों में भुगतान नहीं करते हैं तो ग्राम पंचायत के बजाय संबंधित खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी (BDPO) द्वारा भुगतान किया जाएगा. इसी प्रकार, अगर पंचायत समिति में DDO द्वारा सात दिनों में भुगतान नहीं किया जाता तो मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद भुगतान करेगा.

यदि जिला परिषद का DDO भी इस अवधि में भुगतान नहीं करता हैं तो संबंधित जिला डीसी के पास यह अधिकार चला जाएगा. वहीं, 25 लाख रुपये से अधिक राशि का बिल उपमंडल अधिकारी, पंचायती राज (SDO) द्वारा कार्यकारी अभियंता को भेजा जाएगा जो इसे सत्यापन करके संबंधित पंचायती राज संस्था के डीडीओ को अदायगी के लिए भेजेगा.

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