सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को आने- जाने के लिए वाहन देगी खट्टर सरकार, किसानों के लिए भी होगी कमेटी गठित

चंडीगढ़ | मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश में 1 किलोमीटर से अधिक दूरी पर स्थित स्कूलों में विद्यार्थियों को आने- जाने में किसी प्रकार की न कोई कठिनाई न आए. इसके लिए, छोटे वाहनों के माध्यम से छात्रों को आवागमन की सुविधा प्रदान की जाए. इस कार्य की समुचित मॉनिटरिंग के लिए स्कूल के एक शिक्षक को नोडल अधिकारी बनाया जाए. यदि ऐसा संभव नहीं है तो छात्रों को किराया दिया जाने के संबंध में भी एक प्लान तैयार किया जाए.

school teacher

वर्तमान में छात्राओं की सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के लिए परिवहन सुविधा मुहैया निर्देश यहां प्रशासनिक सचिवों, जिला उपायुक्तों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य स्तरीय दिशा समिति बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिए. बैठक की सह अध्यक्षता विकास एवं पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली ने की. बैठक में सांसद रमेश चंद्र कौशिक, राज्यसभा सांसद लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) डी.पी. वत्स, विधायक डॉ अभय, निर्मल रानी और मामन खान भी मौजूद रहे. बैठक के दौरान केंद्र और राज्य सरकारों की विभिन्न योजनाओं की विस्तार से समीक्षा की गई.

सॉयल हेल्थ कार्ड प्रोग्राम की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि विभाग किसानों को जागरूक करने को विशेष जागरूकता अभियान चलाए और किसानों को अवगत करवाएं कि सॉयल हेल्थ कार्ड के क्या फायदे हैं और फसल पैदावार में यह किस प्रकार सहायक हैं ताकि सॉयल हेल्थ कार्ड का धरातल पर पूर्ण उपयोग सुनिश्चित हो सके. परंपरागत कृषि विकास योजना की समीक्षा करते हुए सीएम ने कहा कि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रयास कर रही है.

हर बच्चे की देखभाल सरकार की प्राथमिकता

मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों की देखभाल सुनिश्चित करना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और इसके लिए सरकार ने एक व्यापक फ्रेमवर्क बनाया है. इसके अंतर्गत, परिवार पहचान पत्र में दर्ज डेटा को आयु वर्ग के अनुसार एक ग्रुप को विभिन्न विभागों को सौपा गया है. 6 वर्ष तक के बच्चों की देखभाल की जिम्मेवारी महिला एवं बाल विकास विभाग को सौंपी गई है. जो बच्चा न तो आगनवाड़ी में आ रहा है और न किसी प्ले वे स्कूल में है.

ऐसे बच्चों को पूरी ट्रैकिंग की जा रही है ताकि बच्चों की वास्तविक स्थिति का पता लगाया जा सके. यदि किसी बच्चे का स्वास्थ्य ठीक नहीं है या अन्य कोई समस्या है तो सरकार मदद कर सके और उसका विकास सुनिश्चित किया जा सके. उन्होंने टीकाकरण प्रोग्राम की समीक्षा करते हुए कहा कि बच्चों के टीकाकरण की जिम्मेवारी मो महिला एवं बाल विकास को दी गई है. विभाग आगनवाड़ी वर्कर्स और नाम के साथ मिलकर बच्चों के टीकारण के लक्ष्य को पूरा करें.

की जा रही बच्चों की ट्रैकिंग

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूल ड्रॉप आउट पर अंकुश लगाने के लिए सरकार अथक प्रयास कर रही है. इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग को 6 से 18 वर्ष आयु वहां की जिम्मेदारी दी गई है. विभाग की ओर से प्रत्येक बच्चे की ट्रैकिंग की जा रही है और ऐसे बच्चे जो सरकारी व निजी स्कूल गुरुकुल मदरसे कहीं भी शिक्षा प्राप्त नहीं कर रहे है, उन बच्चों को ट्रैक कर उन्हें स्कूलों में लाया जाएगा ताकि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे.

घर मुहैया करवाने की बन रही योजना

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हर जरूरतमंद व्यक्ति जिसके पास मकान नहीं है. उसके सिर पर छत मुहैया करवाने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) और अर्बन को समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि इन योजनाओं के अलावा राज्य सरकार के स्तर पर अलग से भी योजना पड़े तो बनाएं ताकि कोई भी जरूरतमंद व्यक्ति दिन घर के न रहे. इसके लिए बैंकों के साथ लिक करके या राज्य सरकार द्वारा कुछ हिस्सा देकर घर मुहैया करवाने की भी जाएं.

दिशा समितियों की नियमित बैठकें करें उपायुक्त

मुख्यमंत्री उपायुक्तों को जिला स्तरीय दिशा समितियों को नियमित बैठके करने के निर्देश दिए. इन बैठकों में उठाये गये सभी महत्वपूर्ण मुद्दों को राज्य स्तरीय किला समिति में रखा जा सके, जिससे जिलों में योजनाओं के किन में आने वाली किसी से प्रकार को समस्या पर तत्काल विचार- विमर्श कर समाधान निकाला जा सके. बैठक में बताया कि स्थलों के भीतर व आसपास के क्षेत्रों में भू- जल स्तर की वास्तविक स्थिति का पता लगाने के लिए खनन स्थलों पर पोजोमीटर लगाने की प्रक्रिया जारी है. अगले 2 माह में सभी जगह जोमीटर लग जाएंगे.

सब्सिडी योजनाओं का अध्ययन करने के लिए कमेटी का गठन

मुख्यमंत्री ने बागवानी विभाग की योजनाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि किसानों के हितों में सरकार विभिन्न योजनाओं में सब्सिडी प्रदान करती है लेकिन कुछ किसानों को इन योजनाओं का ज्ञान नहीं होता इसलिए कई बार वे इन योजनाओं को लाभ नहीं उठा पाते हैं. फिलहाल, कुछ योजनाओं में थोड़ा बदलाव करने को भी आवश्यकता है. इसके लिए मुख्यमंत्री ने एक कमेटी गठित करने के निर्देश दिए जो बागवानी विभाग की सब्सिडी योजनाओं का अध्ययन करेगी.

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