HSSC ने हाई कोर्ट में दिया जवाब, ग्रुप नंबर 56 और 57 में बुलाए गए उम्मीदवारों के फार्मूले की दी जानकारी

चंडीगढ़ | हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) की तरफ से पंजाब एवं हरियाणा में दायर अपीलों में ग्रुप 56, 57 के लिए चार गुना ज्यादा उम्मीदवार बुलाने के फॉर्मूले की जानकारी दी गई है. अपील में बताया गया है कि यदि एक- एक कैटेगरी अनुसार उम्मीदवार बुलाए जाते तो बार- बार वही मेरिट वाले उम्मीदवार रिपीट हो जाते इसलिए एक ग्रुप में अगर एक उम्मीदवार एक से ज्यादा कैटेगरी में बुलाए जाने के लिए छटनी में आया तो उसे उन सभी कैटेगरी के लिए मात्र एक ही उम्मीदवार माना गया.

Haryana Staff Selection Commission HSSC

शेष कैटेगरी के लिए दूसरे उम्मीदवारों को आमंत्रित किया गया इसलिए चार गुना से ज्यादा उम्मीदवारों को बुलाया गया. आयोग ने अपीलो में कहा, ‘सिंगल जज ने हरियाणा सरकार की दिनांक 05.05.2022 की अधिसूचना के पैरा नंबर 9 की सराहना नहीं की, जिसमे उम्मीदवारों की शॉर्टलिस्टिंग का प्रावधान दिया गया है. जिसके मुताबिक पदों की संख्या के 5 गुना के बराबर उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट किया जाना है. यदि 30 से कम पद है तो 150 उम्मीदवार बुलाने का प्रावधान है. अगर यह 30 से 40 के बीच है तो 150 उम्मीदवार बुलाने का प्रावधान है तथा यदि पदों की संख्या 40 से ज्यादा है तो विज्ञापित पदों की संख्या के 4 गुना के समान उम्मीदवार बुलाने का प्रावधान है.

यह भी प्रावधान है कि अलग- अलग नामकरण (नॉमनक्लेचर) मगर समान शैक्षणिक योग्यता वाले पदों का आग्रह मिलने पर आयोग सामान्य कौशल या लिखित परीक्षा एक साथ रख पायेगा, पर ध्यान रहे कि उनका वितरण आवंटन सफल उम्मीदवारों की तरफ से दिए गए ऑप्शन के मुताबिक योग्यता आधारित होगा. दोनों खंडों के संयुक्त सामंजस्यपूर्ण पढ़ने के बाद एक उम्मीदवार जिसने एक ग्रुप में अलग- अलग कटेगरी के पदों के लिए आवेदन किया है, उसे ग्रुप के विरुद्ध सभी पदों के लिए एक उम्मीदवार (अद्वितीय उम्मीदवार) और समूह के 4 गुना उम्मीदवारों के रूप में 1 व्यक्तिगत रूप से माना गया है को शॉर्टलिस्ट किया गया था.

योग्यता के आधार पर किया गया सम्मिलित

चार गुना अभ्यर्थियों को शॉर्टलिस्ट करने के बाद यदि किसी श्रेणी में अभ्यर्थियों को कमी रह गई तो उस श्रेणी से ज्यादा अभ्यर्थियों को योग्यता के आधार पर शामिल किया गया है. अगर समूह के चार गुना उम्मीदवारों को नहीं लिया जाता तो संभावित था कि कोई कंपटीशन ही नहीं हो. उदाहरण के लिए किसी ग्रुप में चार श्रेणियां के लिए चार पद हैं तो व्यक्तिगत रूप से एक कैटेगरी में 16 उम्मीदवारों को मानदंड पर शॉर्टलिस्ट किया जाना है.

चार श्रेणियां के खिलाफ यदि इन्हीं उम्मीदवारों को शॉर्ट लिस्ट किया जाता है तो बार- बार शेष योग्यता के आधार पर यही उम्मीदवार शॉर्टलिस्ट होंगे. अगर ग्रुप के चार गुना उम्मीदवारों को लिया जाता है तोकुल 64 उम्मीदवारों को शॉर्ट लिस्ट किया जाएगा. ऐसे में उनका कहना है कि उनका उद्देश्य है कि ज्यादा से ज्यादा उम्मीदवारों को मौका मिले और मेधावी उम्मीदवारों का चयन हो.

सिंगल बेंच ने कहा अभ्यर्थियों की सूची हो सार्वजनिक

आयोग ने अपीलों में कहा, ‘सिंगल बेंच के जज ने निर्णय में कहा कि परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों की सूची सार्वजनिक की जानी चाहिए ताकि अभ्यर्थी को पता चल सके कि वह किसके साथ मुकाबला कर रहे हैं. सिंगल न्यायाधीश का यह अवलोकन किसी भी तरह से परीक्षा के आयोजन पर प्रभाव नहीं डालेगा. जिस उम्मीदवार के साथ वह प्रतिस्पर्धा कर रहा है उसका नाम/ पहचान परीक्षा के परिणाम को प्रभावित नहीं कर सकती क्योंकि परीक्षा योग्यता के आधार पर पास की जाएगी.

आयोग ने विभिन्न रिट याचिकाओं में याचिका दायर करने वालों  की तरफ से उठाए गए विभिन्न मुकदमा और विवादों की तरफ ध्यान देते हुए पहले ही रिजल्ट को अपडेट कर दिया है. सभी सुधारात्मक उपाय करने व रिजल्ट अपडेट करने के बाद कुछ भी नहीं बचा है. इस प्रकार सिंगल जज ने उन आशंकाओं के आधार पर रिजल्ट को गलत बताया है जो सरासर गलत है.

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