हरियाणा में तहसीलदार, क्लर्क और पटवारी समेत 107 अधिकारियों पर कार्रवाई के आदेश जारी

चंडीगढ़ । सरकारी नौकरी पाने के लिए कंपटीशन इतना बढ़ गया है कि अगर 10 पद के लिए आवेदन मांगा जाए तो लगभग 10,000 लोग पद के लिए खड़े हो जाएंगे. अगर चपरासी की वैकेंसी भी निकलती है तो लोग कई लाख रुपए खर्च सकते हैं. ग्रेजुएशन के डिग्रीधारक आपको लाइन में लगे हुए अवश्य मिलेंगे . अब आप सोच सकते हैं कि भारत में सरकारी नौकरी के लिए लोगों में इतना ज्यादा पागलपन है कि वह चपरासी जैसी नौकरी के लिए भी अपना सब कुछ दांव पर लगाने के लिए तैयार हो जाते है.

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मगर सोचिए सरकारी नौकरी मिलने के बाद आपकी नौकरी चली जाए और आप को जेल भी जाना पड़े तो यह बात किसी बुरे सपने से कम नहीं है. एक तो जल्दी नौकरी नहीं मिलती. इतनी मेहनत करने के बाद नौकरी में अगर आपको ग्रुप बी की नौकरी मिलती है तो आपके लिए सोने पर सुहागा है. हरियाणा में इन दिनों भ्रष्टाचारी के मामले में कई सारे अधिकारी धरपकड़ में आएं हैं.

हरियाणा में भ्रष्टाचार का बड़ा भंडाफोड़ हुआ है. इस भंडाफोड़ में कोई छोटे मोटे नहीं बल्कि बडे अधिकारी पकड़ में आए हैं. करनाल, कैथल, पानीपत में लगभग बिना एनओसी की 9774 रजिस्ट्री करवाने का मामला सामने आया है. जिसमें एक दो या चार नहीं, लगभग 107 लोग शामिल हैं. सभी के खिलाफ कार्रवाई के आदेश जारी कर दिए गए हैं जल्द ही इन सभी सरकारी लोगों पर शिकंजा कसता नजर आएगा.

जानकारी के मुताबिक करनाल, कैथल, पानीपत में बिना एनओसी के कृषि भूमि की 9774 रजिस्ट्री की गई है. जिसमें 34 तहसीलदार व नायब तहसीलदार, 16 रजिस्ट्री क्लर्क, 57 पटवारी शामिल हैं. सभी के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं.

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