फरीदाबाद: 30 साल तक बाहर से मर्द और अंदर से औरत की जिंदगी जी रहा था शख्स, ऐसे हुआ चौंकाने वाला खुलासा

फरीदाबाद | हरियाणा के फरीदाबाद जिले से एक बेहद ही चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां 30 वर्षीय एक शख्स की पांच साल पहले शादी हुई थी. शादी के बाद से ही शख्स अपनी वंश बेल आगे बढ़ाने की तैयारियों में लगा हुआ था लेकिन कई कोशिशों के बाद भी जब संतान पैदा नहीं हुई तो उन्होंने ग्रेटर फरीदाबाद के एक अस्पताल में डाक्टरों से परामर्श लिया.

surgery doctor

डॉक्टरों ने जब उनका अल्ट्रासाउंड और MRI किया तो उन्हें उनके शरीर के अंदर पुरुष प्रजनन अंगों के साथ गर्भाशय (यूट्रस), अंडाशय (ओवरी) और फैलोपियन ट्यूब जैसे महिला प्रजनन अंग भी विकसित मिले. युवक ने बताया कि उसे बचपन से लेकर अब तक किसी तरह की दिक्कत नहीं हुई है. उसकी पत्नी भी डाक्टरों की इस बात से हैरान रह गई. उसने बताया कि वह पिछले पांच साल से अपने पति के साथ शादीशुदा जिंदगी खुशहाली से जी रही है लेकिन बच्चा पैदा करने में कामयाबी नहीं मिल रही थी.

वहीं, उक्त शख्स की मेडिकल जांच करने वाले अमृता हॉस्पिटल के डॉ मानव सूर्यवंशी ने बताया कि मरीज का सबसे पहले अल्ट्रासाउंड टेस्ट कराया गया. इसमें उनके शरीर में मौजूद महिलाओं के अंदरूनी अंगों का पता चला. कई हजार पुरुषों और महिलाओं में से किसी एक में ऐसे अंग विकसित हो जाते हैं लेकिन यह असामान्य मामला नहीं है. ऐसा किसी भी महिला या पुरुष में हो सकता है कि उनके शरीर में दोनों (Male & Female) के अंग विकसित हो जाए. इसे आप प्रकृति का मजाक भी कह सकते हैं लेकिन ये संभव है.

आपरेशन कर महिला अंगों को निकाला

डॉ. मानव ने बताया कि मेडिकल साइंस में सेकेंडरी सेक्सुअली कैरेक्टर के मामलों में अनावश्यक अंगों को निकाल दिया जाता है. उक्त शख्स के मामले में भी यही किया गया है. रोबोटिक ऑपरेशन कर महिला अंगों को निकाल दिया गया है. वो अब साधारण जीवन व्यतीत कर सकेगा. मगर उसके टेस्टिस शरीर के अंदर मौजूद हैं जिसकी वजह से उसके स्पर्म नहीं बन सकते हैं. ऐसे में वो खुद बच्चे नहीं पैदा कर सकता है. मेडिकल साइंस की मदद से वो टेस्ट ट्यूब बेबी कर सकता है मगर इसमें भी उसे डोनर की जरूरत होगी. डॉक्टर ने बताया कि यह शख्स पर्सिस्टेंट मुलेरियन डक्ट सिंड्रोम (PMDS) से ग्रसित था.

जानिए क्या है PDMS

डाक्टरों का कहना है कि यह शख्स जन्म से ही पर्सिस्टेंट मुलेरियन डक्ट सिंड्रोम (PMDS) से पीड़ित था और वो उससे पूरी तरह अनजान था. उनके अनुसार PMDS एक दुर्लभ स्थिति है. दुनिया भर के चिकित्सा इतिहास में अब तक इसके 300 से कम मामले सामने आए हैं. इससे पीड़ित को इसकी वजह से कैंसर का खतरा था इसलिए डॉक्टरों ने रोबोटिक सर्जरी का फैसला किया. जांच करने पर पता चला कि टेस्टिस अभी भी उसके पेट में थे. वहीं, MRI स्कैन से पता चला कि इसके शरीर के अंदर गर्भाशय और फैलोपियन ट्यूब जैसे महिला प्रजनन अंग भी थे.

जटिल था मामला

डॉ. मानव ने बताया कि यह मामला विशेष रूप से जटिल था क्योंकि शरीर के एक ही क्षेत्र में मिश्रित और जुड़े हुई संरचनात्मक संरचनाओं के साथ संयुक्त रूप से पुरुष और महिला दोनों के शरीर रचना शामिल थी. उन्होंने बताया कि गर्भाशय, फैलोपियन ट्यूब, राउंड लिगमेंट्स और दोषपूर्ण गोनाड जैसे इंट्रा- एब्डॉमिनल टेस्टिस जैसी सभी असामान्य संरचनाओं को रोगी के शरीर से सफलतापूर्वक हटा दिया गया है.

उनके अनुसार, इंट्रा-एब्डॉमिनल टेस्टिस की वजह से कैंसर के विकसित होने का खतरा चार गुना ज्यादा है. सर्जरी के बाद रोगी को हार्मोनल रिप्लेसमेंट के बारे में परामर्श दिया गया है. रोगी अब एक सामान्य जिंदगी गुजार सकता है.

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