फरीदाबाद: 18 साल के दिव्यांग बेटे को कंधे पर लादकर सरकारी दफ्तर के चक्कर काटने को मजबूर महिला, हैरान करने वाली है वजह?

फरीदाबाद | कहते हैं कि दुनिया में सबसे ज्यादा प्यार करने वाली मां ही होती है. भगवान सबके पास नहीं रह सकते, इसीलिए उन्होंने सबको मां का आंचल दिया है. मां अपने बच्चों के लिए हर कुर्बानी देने को तैयार भी रहती है. मां के प्यार की एक जीती जागती मिसाल हरियाणा के फरीदाबाद में देखने को मिली. यहां एक मां अपने 18 साल के दिव्यांग बेटे को उसका हक दिलवाने के लिए मारे- मारे फिर रही है.

Faridabad Divyang

चक्कर काटने के बावजूद नहीं मिल पाई पेंशन

फरीदाबाद के सेक्टर 12 स्थित लघु सचिवालय में यह महिला अपने 18 साल के दिव्यांग बेटे को अपनी पीठ पर लाद कर लगातार चक्कर काट रही है, ताकि किसी तरह उसके बच्चे की पेंशन मिल जाए, लेकिन 1 साल तक लगातार चक्कर काटने के बावजूद भी उस महिला को न्याय नहीं मिल पाया है.

बच्चे को पीठ पर लाद कर काट रही चक्कर

आरती नाम की यह महिला अपने 18 साल के दिव्यांग बेटे सागर को पेंशन दिलवाना चाहती है. वह पिछले 1 साल से सरकारी अधिकारियों के चक्कर काटने को मजबूर है. महिला लगातार अपने बच्चे को पीठ पर लादकर अधिकारियों के पास जा रही है और न्याय की गुहार लगा रही है, लेकिन फिर भी उसकी समस्या का कोई समाधान नहीं हो पा रहा है.

बीजेपी नेता कृष्ण पाल गुर्जर से हुई मुलाकात

बीजेपी से लोकसभा प्रत्याशी कृष्ण पाल गुर्जर आज सेक्टर 12 में अपना नामांकन भरने के लिए पहुंचे थे. आरती नाम की इस महिला ने कृष्ण पाल गुर्जर और कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा से अपने बेटे सागर की पेंशन बनवाने के लिए मिन्नतें की. महिला की व्यथा सुनकर बीजेपी नेता गुर्जर ने उसे मदद करने का आश्वासन दिया.

पेंशन के लिए दर- दर भटक रही महिला

कृष्ण पाल गुर्जर ने महिला को आश्वासन देते हुए कहा कि जल्द ही उसके बच्चे की पेंशन बना दी जाएगी. इसके बाद, मीडिया से बातचीत करते हुए महिला ने बताया कि वह अपने बच्चे की पेंशन नहीं बन पाने के चलते काफी निराश है और पिछले 1 साल से पेंशन के लिए भटकने को मजबूर है. कोई भी उनकी सुनवाई नहीं कर रहा है.

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