हरियाणा- पंजाब के किसानों ने पेश की मिसाल: बाढ़ से खेतों में जमे रेत के टीले, तो पंजाब के किसान ट्रैक्टर- ट्रॉली लेकर पहुंचे हटाने

फतेहाबाद | हरियाणा के फतेहाबाद जिले के जाखल में पिछले दिनों घग्गर नदी ने खूब तबाही मचाई थी. इसे लेकर किसानों की हजारों एकड़ फसल पानी में डूब गई थी. बता दे कि गांव चांदपुर में हरियाणा- पंजाब की सीमा पर बने बांध भी उन दिनों घग्गर नदी के प्रकोप के आगे टिक नहीं सके थे. चांदपुर में तबाही मचाने के बाद से अब घग्गर नदी धीरे- धीरे शांत हो गई है लेकिन किसानों के लिए अब भी दर्द बन गई है. अब किसान आपसी भाईचारे को लेकर एक मिसाल पेश कर रहे हैं, जिसकी पूरे हरियाणा में चर्चा है.

Tractor Kisan Haryana

पंजाब के किसानों को पता चला तो खेत को समतल करने पहुंच गए

बता दें कि चांदपुर साइफन के पास बांध टूटने की वजह से पानी के कारण निकली रेत दूर- दूर तक किसानों के लिए आफत बन चुकी है जिससे आसपास के कई किसानों के खेतों में मिट्टी के बड़े- बड़े टीले हो गए हैं. क्षेत्र के साथ लगते पंजाब के किसानों को इसका पता चला तो सैकड़ो की संख्या में लोग अपनी ट्रैक्टर ट्राली लेकर यहाँ पहुंच गए तथा पिछले तीन- चार दिनों से खेतों में बने मिट्टी के टीलों को हटाकर खेतों को समतल किया जा रहा है.

रेत साफ करने बड़ी मात्रा में पहुंच रहे किसान

इस काम को करने के लिए लोग न सिर्फ ट्रैक्टर ट्राली लेकर बल्कि मजदूरी करने के साथ- साथ आर्थिक योगदान भी दे रहे हैं. इस मौके को देखकर इलाके और आसपास के लोग बेहद खुश हैं. बता दें कि हरियाणा और पंजाब के इसी भाईचारे को देखते हुए जेसीबी, डीजल और अन्य सहायता भी किसानों की ओर से दी जा रही है, जिसको लेकर पीड़ित किसानों को राहत मिल रही है.

घग्गर नदी में कटाव ने बढाई परेशानी

विशेषज्ञों के मुताबिक, मौजूदा बाढ़ 1993 में आई बाढ़ से भी ज्यादा खतरनाक थी. 30 साल बाद आई बाढ़ में 1993 से ज्यादा पानी था. उस दौरान 9 जगहों पर कटाव हुआ था, फिर भी रेत नहीं जमा हुई. उस वक्त भी खेत खलिहान सही होने में करीब 5 साल लग गए थे. वहीं, इस बार बाढ़ के कारण चांदपुरा में टूटे बांध के कारण 60 फीट से अधिक गहराई तक कटाव हुआ है.

हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे! हरियाणा की ताज़ा खबरों के लिए अभी हमारे हरियाणा ताज़ा खबर व्हात्सप्प ग्रुप में जुड़े!