हरियाणा में पंचायत चुनावों पर फिर लग सकता है ब्रेक, इस बार ये हैं बड़ी वजह

हिसार | हरियाणा में पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव में लग रही अड़चनों का सिलसिला जारी है. पहले COVID-19 और फिर BC-A के आरक्षण को लेकर हाईकोर्ट में पेंच फंस गया. ऐसे में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट से हरी झंडी मिलने के बाद अब चुनाव की उम्मीद जगी थी लेकिन अब प्रदेश में आदमपुर उपचुनाव का बिगुल बज गया है और इसके लिए 3 नवंबर को वोटिंग होगी. ऐसे में पूरी संभावना व्यक्त की जा रही है कि इसके बाद ही पंचायती राज संस्थाओं के लिए चुनाव प्रक्रिया शुरू होगी.

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पंचायत चुनावों को लेकर सोमवार को मुख्य सचिव संजीव कौशल की अध्यक्षता में विकास एवं पंचायत विभाग के अलावा विभिन्न विभागों के प्रशासनिक सचिवों और पुलिस अधिकारियों की एक बैठक होनी थी लेकिन ऐन वक्त पर इसे स्थगित कर दिया गया. बताया गया कि पिछड़ा वर्ग ए को आरक्षण के लिए अभी तक हिसार की आदमपुर पंचायत, आदमपुर पंचायत समिति और हिसार जिला परिषद का ड्रा नहीं हो पाया है.

आरक्षण को लेकर हाईकोर्ट में याचिकाओं की बाढ़

वहीं, पंचायती राज संस्थाओं के चुनावों में आरक्षण को लेकर भी पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने याचिकाओं का अंबार लग गया है. अनुसूचित जातियों को आरक्षण के लिए वर्ष 2011 की जनगणना को आधार बनाने तथा पिछड़ा वर्ग-ए के लिए हाल ही में जुटाए गए परिवार पहचान पत्र के डाटा को आधार बनाने को चुनौती देते हुए आरक्षण को असंवैधानिक बताया गया है. वहीं, कई गांवों में अनुसूचित जाति का एक वोट तक नहीं है लेकिन सरपंच पद एससी वर्ग के लिए आरक्षित हो गया है. ऐसे में हाईकोर्ट में याचिकाओं की आई बाढ़ को देखते हुए भी पंचायत चुनाव में खलल पड़ सकता है.

पंचायत चुनावों से पहले आदमपुर में शक्ति परीक्षण

वहीं, हरियाणा की मनोहर सरकार भी पंचायत चुनावों से पहले आदमपुर में शक्ति परीक्षण करने के मूड में नजर आ रही है. 27 अक्टूबर को BJP- JJP गठबंधन सरकार के 3 साल पूरे होने जा रहे हैं और इसके बाद 1 नवंबर को हरियाणा दिवस के मौके पर सीएम मनोहर लाल प्रदेशवासियों के लिए कई बड़ी घोषणाएं कर सकते हैं. अगर इससे पहले पंचायत चुनावों का शेड्यूल घोषित होता है तो आचार संहिता लागू होने से ये दोनों कार्यक्रम प्रभावित होंगे.

ऐसे में कोशिश यही होगी कि नवंबर के पहले सप्ताह तक पंचायत चुनावों का शेड्यूल घोषित न हों. वहीं, इससे पहले प्रदेश में हुए दो उपचुनाव में हार का मुंह देख चुकी BJP- JJP गठबंधन सरकार के लिए आदमपुर उपचुनाव प्रतिष्ठा का सवाल भी बना हुआ है. उपचुनाव के रिजल्ट को देखकर ही गठबंधन सरकार पंचायती राज संस्थाओं के लिए चुनावी रणनीति तैयार करेगी.

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