हरियाणा में इस जगह श्राद्ध करने से पितरों को मिलती है शांति, पांडवों ने यही पर किया था श्राद्ध

जींद | हिंदू धर्म के रीतिरिवाज़ों में श्राद्ध पक्ष का विशेष स्थान है. ऐसी मान्यता है कि आकस्मिक मौत का शिकार बनने वाले पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध पक्ष में मौत वाले दिन ही मरने वाले के निमित पूजा व दान करने के साथ-साथ भोजन भी करवाया जाता है. पितरों की मोक्ष प्राप्ति के लिए जींद जिलें में स्थित पांडू पिंडारा तीर्थ का विशेष महत्व है.

Pitru Paksha

इस बार श्राद्ध पक्ष 10 सितंबर 2022 से शुरू हो रहे हैं और 25 सितंबर तक चलेंगे. पितरों के तपर्ण के लिए बहुत दूर से लोग पिंडारा पहुंचते हैं. सभी लोग अपने-अपने पूर्वजों की मृत्यु की तिथि पर पिंडदान करते हैं और जिनकी मृत्यु की जानकारी नहीं हो, उनका श्राद्ध अमावस्या को किया जाता है. ऐसी मान्यता है कि महाभारत के युद्ध के बाद पांडवों ने भी पिंडारा स्थित सोम तीर्थ में ही अपने पूर्वजों का पिंडदान किया था. हालांकि, पांडवों को सोमवती अमावस्या के लिए 12 साल तक इंतजार करना पड़ा था.

शहर से सटा हुआ है तीर्थ

पिंडारा तीर्थ पर पहुंचने के लिए आप बस या रेल दोनों का सहारा ले सकते हैं. पानीपत व सोनीपत दोनों स्टेशनों से जींद आवागमन करने वाली ट्रेनों का ठहराव पिंडारा रेलवे स्टेशन पर होता है, जो तीर्थ स्थल के नजदीक ही है. इसके अलावा जींद शहर का नया बस स्टैंड भी पांडू पिंडारा में ही बना है जहां से तीर्थ स्थल महज 500 मीटर की दूरी पर स्थित है.

तैयारियां हुई शुरू

पांडू पिंडारा में इसको लेकर तैयारियां तेज हो गई है. तीर्थ स्थल के आसपास सफाई व्यवस्था की जा रही है. तीर्थ के चारों ओर दूर- दराज से आने वाले यात्रियों के ठहराव के लिए दर्जनों धर्मशालाएं बनी हुई है. उनमें मूलभूत सुविधाओं को दूरस्त किया जा रहा है. किसी प्रकार की अव्यवस्था न फैले इसको लेकर पंचायत द्वारा विशेष एहतियात बरती जाएगी.

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