बहन भी नहीं भांप पाई चाची के इरादे, 20 मिनट बाद ही उतार दिया था जश को मौत के घाट

करनाल । करनाल के चर्चित जश हत्याकांड में हर रोज नई बात निकलकर सामने आ रही है. 5 वर्षीय मासूम जश रोजाना की तरह अपने से दो साल बड़ी बहन के साथ आरोपित चाची के घर हंसते-मुस्कुराते हुएं खेल रहा था. फिर बहन घर लौट आई और जश वहीं मोबाइल पर गेम खेलने में व्यस्त हो गया. तब तक न बहन और न ही मासूम जश चाची के इरादे भांप सका था कि उसके मन में क्या चल रहा है. करीब 20 मिनट बाद चाची ने पीछे से आकर मोबाइल के चार्जर की तार से जश का गला घोंट कर उसे मौत की नींद सुला दिया.

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चर्चा है कि आरोपित चाची तक पहुंचने के लिए पुलिस ने इस बच्ची के बयान को अहम माना तो इससे जुड़ी वीडियो भी वायरल हुई. हालांकि पुलिस अभी तक मासूम की मौत से पर्दा नहीं उठा सकी है. लेकिन लोग भी इस बात को लेकर हैरान हैं कि अकेली चाची कैसे इस जघन्य अपराध को अंजाम दे सकती है.

वहीं मामले की तह तक जाने के लिए एएसपी हिमाद्री कौशिक के नेतृत्व में एसआइटी गठित की गई है, जिसमें सीआइए टू इंचार्ज मोहन लाल, सीआइए वन के जांच अधिकारी रामफल व सीआइए टू से मनोज कुमार को शामिल किया गया है. आरोपित चाची से तीन दिन रिमांड पर पुछताछ के बाद आज अदालत में पेश किया जाएगा, जहां पुलिस कोर्ट से फिर रिमांड पर लेने की गुहार लगाएगी.

कार्रवाई से असंतुष्ट परिजन

हालांकि पुलिस पहले दिन से ही जल्द से जल्द वारदात से पर्दा उठाने का दावा कर रही है लेकिन एक सप्ताह के बाद भी स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है. पुलिस की कार्रवाई से असंतुष्ट परिजन व ग्रामीण तीन बार एसपी गंगाराम पूनिया से मुलाकात कर चुके हैं. जश के चाचा ने बताया कि इतने दिन बाद भी मौत के रहस्य से पर्दा उठाने में नाकाम पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं.

 

पहले पड़ोसी परिवार के तीन सदस्यों को हिरासत में लिया और फिर जश की चाची अंजलि को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो बाद में उसे गिरफ्तार कर लिया. चाचा ने कहा कि तीन दिन के रिमांड के बाद भी पुलिस अंजलि से सच्चाई उगलवाने में कामयाब नहीं हो पाई है, जबकि क्राइम सीन फिल्माया जा चुका है. हमे इंसाफ चाहिए, आरोपित चाहें जो भी उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जानी चाहिए.

पुलिस आज खोल सकती है राज

वहीं इस मामले को लेकर एसपी गंगाराम पूनिया ने बताया कि बुधवार को फोरेंसिक लैब से रिपोर्ट आ जाएगी, जिसके बाद अन्य सबूतों से मिलान कर स्थिति स्पष्ट कर दी जाएगी. एसआईटी टीम को भी जल्द से जल्द रिपोर्ट देने को कहा गया है. उन्होंने कहा कि कोई आरोपित छूटे नहीं और निर्दोष फंसे नही, हमारा यही प्रयास रहेगा.

चाची ने अकेले कैसे दिया वारदात को अंजाम

लोगों के मन में बार-बार एक ही सवाल उठ रहा है कि जश की हत्या व पूरे घटनाक्रम को आरोपित चाची ने अकेले कैसे अंजाम दिया. पहले जश की हत्या, फिर लाश को पिट्ठू बैग में पैक करके बैड में छुपा दिया. रात करीब साढ़े तीन बजे यह बैग गली से गुजरकर जश के पड़ोसी ताऊ के घर की सीढ़ियों से छत पर पहुंचा और वहां जश की लाश फेंकने के बाद बैग लेकर वापस घर लौटी. इतने समय में क्या किसी परिजन को इसकी भनक तक नहीं लगी. इसी बीच वह जश के ताऊ के घर कहने भी चली गई कि उनके घरों की तलाशी हो सकती है. अपने-अपने घर जांच लें.

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