Meteor Shower 2023: आसमान में आज शाम को टूटेंगे तारे, जानिए कैसे देख सकते हैं आप?

नई दिल्ली, Meteor Shower 2023 | आज यानी 12 अगस्त की रात पूरे देश और खगोलीय घटनाओं में दिलचस्पी रखने वाले लोगों के लिए बेहद खास होने वाली है. आसमान में आज ऐसा नजारा होगा जिसकी आपने कभी जिंदगी में कल्पना भी नहीं की होगी. आप अपनी आंखों से आज ब्रह्मांड के कई चारों को एक साथ टूटते हुए देख सकेंगे. अंधेरा होते ही यह रोमांच आसमान में दिखाई देगा.

Meteor Shower 2023

आखिर कब दिखेगी तारे टूटने की घटना

आज शाम होते ही उल्का पिंड यानी टूटते हुए तारे दिखाई देने लगेंगे लेकिन यह दोपहर 2:00 बजे से सुबह होने तक सबसे ज्यादा दिखाई देने लगेंगे. इस दिन हम 1 घंटे में आसमान में 60 से 100 उल्काएं देख सकेंगे. 60 किलोमीटर प्रति सेकंड की गति से पूछ वाले चमकते उल्कापिंड पृथ्वी से 100 किलोमीटर दूरी पर दिखाई देंगे. गोरखपुर तारामंडल के खगोल शास्त्री अमरपाल सिंह का कहना है कि धरती से जो कुछ हमें आसमान में टूटे तारों की तरह दिखता है, असल में वह उल्का पात होता है जो हमें तारों के गिरने का एहसास कराता है.

तारे टूटते हैं तो क्या होता है?

खगोल शास्त्री अमरपाल सिंह ने बताया कि सौर मंडल के ग्रहों के बीच अंतरिक्ष में अनगिनत छोटे- छोटे कंकड़ या पत्थर और लोहे के कण मौजूद होते हैं. जब ऐसा शंकु पृथ्वी के वायुमंडल घर्षण के कारण पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के अंतर्गत आने पर तीव्र गति से रात्रि के समय आकाश में क्षण भर के लिए चमकता है तो उसे उल्का या टूटता हुआ तारा कहते हैं.

क्या कहता है खगोलशास्त्र?

अमर पाल ने बताया कि उल्कापात का संबंध धूमकेतुओं से होता है. धूमकेतु धूल और बर्फ से बने गैसों के पिंड हैं. यह सूर्य के चारों ओर लंबी अण्डाकार कक्षाओं में परिक्रमा करता है. इनसे निकलने वाले कण अपनी कक्षाओं में घूमते रहते हैं. जब पृथ्वी किसी धूमकेतु के मार्ग से गुजरती है तो पृथ्वी के वायुमंडल में घर्षण के कारण वे कण जलने लगते हैं जो उल्काओं के रूप में होते हैं, तब हमें आकाश में उल्कापात का आकर्षक दृश्य दिखाई देता है. इसे खगोलशास्त्र की भाषा में उल्कापात और बोलचाल की भाषा में टूटते तारे कहते हैं.

इस घटना को दिया गया पर्सीड उल्कापात का नाम

उल्कापात को स्विफ्ट टटल धूमकेतु या 109पी भी कहा जाता था. अगस्त के महीने में होने वाली उल्का बौछार को पर्सीड उल्का बौछार का नाम दिया गया है क्योंकि यह आकाश में रेडियंट पॉइंट नामक एक बिंदु से आती हुई प्रतीत होती है जो पर्सीड तारामंडल से शुरू होती है.

कैसे देख पाएंगे आप तारों का टूटना

यह आसमान में हर जगह दिखाई देगा. इसे देखने के लिए किसी प्रकार की दूरबीन या अन्य उपकरण की जरूरत नहीं पड़ेगी. 12 अगस्त की रात को बादल साफ होने पर आप घर बैठे खुली आंखों से इस रोमांच का आनंद ले सकेंगे. इसे देखने के लिए किसी साफ जगह पर जाएं जहां अधिक रोशनी और प्रदूषण न हो. अंधेरे में ये नजारा और भी बेहतर दिखाई देगा.

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