पंचकूला के साकेतड़ी मंदिर में भगवान शिव खुद हुए थे प्रकट, 500 साल पुराना इतिहास; पढ़े अनसुने किस्से

पंचकूला | हरियाणा के पंचकूला में भगवान शिव का प्राचीन साकेतड़ी मंदिर की काफी मान्यता है. बताते हैं कि यहां भोलेनाथ स्वयं प्रकट हुए थे. महाभारत काल में भगवान शिव ने पांडवों को साक्षात दर्शन दिए थे. किसी श्रद्धा पर लोग बड़ी संख्या में यहां पर पहुंचते हैं. महाशिवरात्रि पर दूर दूर से यहां लोगों की काफी भीड़ अक्सर देखने को मिलती हैं. लोगों की काफी आस्था है.

Shiv Bholenath Sawan

महाशिवरात्रि के मौके पर उमड़ी भीड़

महाशिवरात्रि के मौके पर सकेतड़ी गांव स्थित शिव मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी. मंदिर के बाहर समाज सेवी संस्थाओं द्वारा विभिन्न प्रकार के भंडारे का आयोजन किया जाता है. भक्तों के लिए पकौड़े से लेकर शर्बत, भजन और अन्य कई चीजों के भंडारे लगाए जाते हैं, जहां भक्त दर्शन करने के बाद भक्ति भाव से प्रसाद ग्रहण करते हैं.

इस प्राचीन ऐतिहासिक मंदिर में पंजाब, हरियाणा, यूपी और राजस्थान से श्रद्धालु आते हैं. हजारों लोग कतारबद्ध होकर भोलेनाथ के शिवलिंग पर दूध, जल, फल, बेल पत्ते आदि चढ़ाते हैं. मंदिर में 50 वर्षों से लगातार लोग आ रहे हैं और उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

500 साल पुराना है इतिहास

सकेतड़ी का यह शिव मंदिर प्रसिद्ध माता मनसा देवी मंदिर से मात्र 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यह मुख्य शहर चंडीगढ़ से लगभग 10 किलोमीटर दूर है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस स्थान पर स्वयं भगवान शिव प्रकट हुए थे.

ऐसा माना जाता है कि पांडवों ने अपने अज्ञातवास के दौरान यहां तपस्या की थी. उनकी पूजा से प्रसन्न होकर भोलेनाथ ने उन्हें साक्षात दर्शन दिए थे और अब भोलेनाथ पिंडी के रूप में यहां स्थापित हो गए. मान्यता है कि यहां मांगी गई हर मन्नत पूरी होती है.

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