पानीपत में दूध बेचने वाले के बेटे का कमाल, विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में जीता ब्रोंज मैडल

पानीपत | स्पेन में 17 से 23 अक्टूबर तक चल रही अंडर-23 विश्व कुश्ती प्रतियोगिता में सोनीपत के पहलवाल साजन ने 77 किलोग्राम वर्ग में अपने देश भारत के लिए कांस्य पदक जीता है. इससे पहले भी साजन राज्य, राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय कुश्ती प्रतियोगिताओं में 20 पदक जीत चुके हैं. बता दें कि साजन सोनीपत के रहने वाले हैं. साजन भनवाला ने पहले राउंड में लिथुआनिया के पहलवान को 3-0 हराकर जीत दर्ज की. जिसके बाद उन्होंने में प्री क्वार्टर फाइनल में मोल्दोवा के एल्कजेंडरिन गुटु से 0-8 से हार गए.

nitesh sichav

बेटे की जीत पर खुशी का माहौल

बता दें साजन सोनीपत के कासंडी गांव के रहने वाले हैं. इनके पिता भी पहलवान थे लेकिन घर की आर्थिक तंगी के कारण साजन के पिता कुश्ती का अभ्यास जारी नहीं रख पाए. उनके पिता की इच्छा थी कि उनका बेटा एक अच्छा पहलवान बने. जिसके बाद साजन ने अपने गांव के अखाड़े से ही कुश्ती का अभ्यास करना शुरू किया.

इसके बाद, उन्होने सोनीपत के खरखौदा के प्रताप स्कूल में कुश्ती के दांव-पेंच सीखे और राज्य स्तरीय कुश्ती प्रतियोगिता में पदक जीता लेकिन साल 2015 मेंउनके पैर में चोट लगी. जिसकी वजह से कई महीनों तक साजन अभ्यास नहीं कर पाए. साजन केपैर का आपरेशन हुआ और फिर स्वस्थ होकर मैट पर उतरे और पदक जीता. अब पूरे घर में बेटे की उपलब्धि पर परिवार में खुशी का माहौल है. साजन ने देश को ग्रीको रोमन वर्ग में पहला पदक दिलाया है। सोनीपत में पहुंचने पर साजन का शानदार स्वागत किया जाएगा.

हर रोज सात घंटे करता है अभ्यास

अपने सपनों को पूरा करने के लिए साजन हर रोज अखाड़े में सात घंटे कुश्ती का अभ्यास करते हैं. जिस तकनीक में वह कमजोर हैं उसे दुरुस्त करने के लिए बार-बार अभ्यास करते हैं. अब उनका अगला लक्ष्य देश के लिए ओलिंपिक में स्वर्ण पदक जीतने का है. पिता आनंद सिवाच ने बताया कि बेटे का शरीर मजबूत बना रहे इसके लिए वह रोजाना साजन के लिए अखाड़े में दूध पहुंचाते हैं.

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