किसान आंदोलन: राकेश टिकैत का ऐलान, ताऊ ते तूफान से धरना स्थल पर हुआ नुकसान अब करेंगे………

रेवाड़ी । किसान आंदोलन जारी हुए 6 महीने से ज्यादा का समय हो चुका है. ना तो सरकार ना ही किसान पीछे हटने को तैयार है. सरकार चाहती है कि किसान धरना खत्म कर दें और जो कृषि कानून किसानों के हित में बनाए गए हैं, उनको मान ले लेकिन किसान किसी भी सूरत में इन तीनों कृषि कानूनों को मानने के पक्ष में नहीं है. इसी को लेकर पिछले 5 महीनों से किसानों में और सरकार में टकराव की स्थिति बनती आई है. धीरे-धीरे आंदोलन भी अलग-अलग रूप लेता आया है. कभी लगा कि आंदोलन बस खत्म होने को ही है, लेकिन अगले ही पल किसान दोबारा से नए जोश के साथ आंदोलन में कूद पड़ते हैं.

RAKESH TIKET

अब भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बताया कि किसी भी सूरत में किसान इस आंदोलन से नहीं हटेंगे. जरूरत पड़ी तो किसान 6 महीने ही नहीं, बल्कि 2024 तक भी आंदोलन के लिए तैयार हैं. जब तक सरकार इन कानूनों को वापस नहीं लेगी, किसान भी पीछे नहीं हटेंगे.भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत वीरवार को दिल्ली-जयपुर हाईवे स्थित शाहजहांपुर जयसिंहपुर खेड़ा बॉर्डर पर कृषि कानून विरोधियों के धरना स्थल पर पहुंचे. जहां उन्होंने ताऊ ते तूफान के कारण हुए नुकसान का जायजा लिया.

आंदोलन ने सिखाया बहुत कुछ

टिकैत ने कहा कि हिसार में किसानों के साथ पुलिस द्वारा जो व्यवहार किया गया, वह निंदनीय है. उस दौरान जो किसान घायल हुए क्या सरकार उनकी भी शिकायत दर्ज करेगी? उन्होंने कहा कि उन्होंने इस आंदोलन से एकजुटता व मजबूती सीखी है. टिकैत ने कहा कि करोना महामारी का रास्ता अस्पताल जाता है, लेकिन किसान आंदोलन का रास्ता संसद तक जाता है. दोनों के रास्ते अलग है. वैक्सीन सरकार के पास है और ठीकरा किसानों पर फोडा जा रहा है.

उन्होंने कहा कि सरकार चाहे तो कैंप लगाकर वैक्सीन लगा सकती है. इसके लिए किसी भी किसान ने इनकार नहीं किया है. वास्तविकता तो यह है कि सरकार के पास लगाने के लिए वैक्सीन ही नहीं है. किसानों को कोरोना की आड़ में बदनाम किया जा रहा है. आगामी 26 मई को देशभर में किसानों के द्वारा काला दिवस मनाया जाएगा. आंधी के द्वारा जो नुकसान धरना स्थल पर हुआ है. उसकी भरपाई कर ली जाएगी. किसान यहां से हटने वाले नहीं हैं.

किया जाएगा पक्का निर्माण

टिकैत ने कहा कि भले ही आंधी तूफान से धरना स्थल पर कुछ नुकसान हुआ है, लेकिन अब टीन शेड व अन्य निर्माण कर लिया जाएगा. लेकिन हम अब यहां से पीछे हटने वाले नहीं हैं.

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