न केवल ताजमहल बल्कि शाहजहाँ ने बनवाई थी महम की ये खूबसूरत बावड़ी, यहाँ देखे फोटोज

रोहतक | पुराने समय में राजा- महाराजाओं ने बावड़ी बनवाने का चलन अपनाया था ताकि पानी की किल्लत को दूर किया जा सके और इसे संरक्षित किया जा सके. यह चलन आमतौर पर राजस्थान में देखा जाता था लेकिन हरियाणा जैसे प्रदेश ने भी इसे अनुसरण किया. मुग़ल काल में हरियाणा के रोहतक के महम में भी ऐसी एक बावड़ी का निर्माण किया गया था, जिसकी खूबसूरती आज भी प्रमुख आकर्षण है और लोग दूर- दूर से इसे देखने आते हैं.

Maham Bawari Rohtak

इस बावड़ी में एक कुआं भी शामिल है जिस पर एक फारसी शिलालेख “स्वर्ग का झरना” लिखा हुआ है. इसे सन् 1658- 59 में शाहजहां के चौबेदार सैदु कलाल द्वारा निर्माण कराया गया था. यह समय था जब मुग़ल बादशाह शाहजहां के उत्तराधिकारी के रूप में औरंगजेब गद्दी पर आए थे और अपने भाइयों की हत्या करके अपने पिता को भी कैद कर लिया था. इसे सदियों पहले पानी के स्रोत के रूप में बनाया गया था.

ज्ञानी चोर रात को अमीरों को लूटने और दिन के समय गरीबों की मदद करने के लिए मशहूर था. उसे छुपने के लिए वह इस बावड़ी में जाता था, जहां सुरंगों के जाल में उसे पकड़ा नहीं जा सकता था. यहां पहुंचने के लिए 101 सीढ़ियां होती हैं लेकिन वर्तमान में केवल 32 ही सीढ़ियां बची हैं और बाकी जर्जर हो चुकी हैं.

एक कथा के अनुसार, अंग्रेजी सेना के एक अफसर को भाषा का अनुवाद समझ नहीं आया था, इसलिए उसने उस पत्थर पर तीन गोलियां चला दी और उन गोलियों के निशान आज भी देखे जा सकते हैं. यह बावड़ी पुरातत्व विभाग के अधीन है लेकिन समय के विक्रमों ने इसे कमजोर कर दिया है. 1995 में आई बाढ़ ने इस बावड़ी के एक बड़े हिस्से को बर्बाद कर दिया था.

बावड़ी की लंबी- चौड़ी दीवार के एक हिस्से का मलबा वर्षों से इसके अंदर पड़ा रहा है. हालांकि, बाद में इसे नवीनीकृत किया गया है लेकिन रखरखाव की कमी अभी भी दिखाई दे रही है. बावड़ी के अंदर बड़ी मात्रा में गंदा पानी मौजूद है और इसके निकासी के लिए कोई प्रबंध नहीं किए गए हैं.

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