हरियाणा में प्यारेलाल के पेड़ों के स्वाद का नही है कोई तोड़, 100 रूपए में मिलेंगे मात्र 2 पीस

सोनीपत | हरियाणा के बहुत से क्षेत्र ऐसे हैं जो अपनी खाने- पीने की विशेष चीजों की बदौलत देश- दुनिया में प्रसिद्धि हासिल कर चुके हैं. इसी तरह सोनीपत में प्यारेलाल की दूध- पेड़े की दुकान है, जो अपने विशेष स्वाद की बदौलत काफी मशहूर है. इनके पेड़ों का नाम सुनते ही लोगों के मुंह में पानी आ जाता है. देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लोग ऑर्डर करके पेड़े मंगवाते हैं. प्यारेलाल की दूध- पेड़े की यह दुकान करीब 100 साल पुरानी है.

Pyarelal Ke Pede Sonipat

दुकान पर उमड़ती है भीड़

दुकान के मालिक सागर वालिया ने बताया कि उनकी यह दुकान सोनीपत और हरियाणा ही नहीं बल्कि देश- दुनिया में प्रसिद्धि हासिल कर चुकी हैं. उनकी दुकान का पेड़ा खाने के लिए रोजाना सैकड़ों लोगों की भीड़ उमड़ती है. वहीं, पेड़ों की विदेशों में मांग होने के चलते पेड़ों को पार्सल द्वारा विदेशों में भेजा जाता है.

1930 में हुई थी शुरुआत

सागर वालिया ने बताया कि सोनीपत में प्यारेलाल पेड़े वाले की दुकान की शुरुआत साल 1930 में स्वर्गीय प्यारेलाल द्वारा की गई थी. उस समय कड़ाही में दूध उबालकर मेवा बना रहे थे, जिसके बाद उन्होंने उसमें कुछ मीठा मिलाकर रख दिया. वहीं, लोगों द्वारा जब उसको खाया गया तो उन्हें स्वाद आने लगा और बस वही से इस मशहूर पेड़े की बिक्री शुरू हो गयी.

जैसे- जैसे समय बीतता गया तो पेड़ों की बिक्री में भी इजाफा होने लगा. वहीं, समय के साथ दुकान पर बदलाव भी देखने को मिले और आज पेड़ो के साथ लोग कड़ाही वाले दूध व कुल्हड़ वाली लस्सी का भी स्वाद ले रहे हैं. उनके दादा प्यारेलाल के बाद उनके पिता सत्यप्रकाश और आज उनके पोते यानि तीसरी पीढ़ी दुकान को संचालित कर रही है.

50 रूपए एक पेड़े की कीमत

प्यारेलाल की दुकान पर पेड़े खाने पहुंचे एक शख्स ने बताया कि 1997 में इस दुकान पर एक पेड़ा 7 रूपए का मिलता था और आज पेड़े की कीमत 50 रूपए पर पहुंच चुकी है. बेशक आज एक पेड़े की कीमत 50 रूपए पहुंच चुकी हो लेकिन पेड़ों का स्वाद लेने के लिए ग्राहकों की भीड़ में कोई कमी नहीं आई है. लोगों का कहना है कि सालों बाद भी आज पेड़ों का स्वाद उसी तरह बना हुआ है.

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