हरियाणा की ऐसी गौशाला जहां कभी नहीं बेचा जाता दूध, अस्पताल में मरीजों को फ्री मिलता है दूध

यमुनानगर | हिंदू धर्म में गाय की पूजा का विशेष महत्व है. माना जाता है कि गाय की पूजा करने से जिंदगी खुशियों से भर जाती है. वर्तमान में कुछ लोग ऐसे भी हैं जो गाय का दूध पीने के बाद उसे आवारा पशुओं की तरह सड़कों पर छोड़ देते हैं लेकिन ऐसे लोग भी हैं जो अपना सबकुछ त्याग कर गौसेवा को ही अपना कर्तव्य मानते हैं.

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कभी नहीं बेचा गया दूध

ऐसे ही नि:स्वार्थ भाव से गौसेवा की एक मिसाल यमुनानगर गौशाला से सामने आई है. इस गौशाला की सबसे खास बात यह है कि यहां पर जितनी भी गाय है उनका दूध या दूध से बना घी कभी नहीं बेचा गया है बल्कि अस्पताल के मरीजों को मुफ्त में उपलब्ध कराया जाता है. कोई गाय बीमार या बूढ़ी हो जाती है तो उसकी एक परिवार के सदस्य की तरह देखभाल की जाती है.

भजन सुनती है गाय

इस गौशाला का रखरखाव एक मंदिर द्वारा किया जाता है, जिसे लोग जंगला वाली माता जी के मंदिर के नाम से जानते हैं. गौशाला के सेवादार नरेश ने बताया कि यह गौशाला एक तरह से मंदिर का ही हिस्सा है. कई समाजसेवी इस गौशाला की सेवा में बढ़- चढ़कर हिस्सा लेते हैं. गायों को सुबह-  शाम स्नान आदि करवाकर ही मशीनों से दूध निकाला जाता है. गौशाला में मंदिर मय वातावरण बनाए रखने के लिए सुबह- शाम भजन चलाए जाते हैं.

अस्पताल जाता है दूध

नरेश ने बताया कि इन गायों का सारा दूध सिविल अस्पताल पहुंचाया जाता है ताकि जरूरतमंद मरीजों को मुफ्त में दूध दिया जा सकें. उन्होंने बताया कि इस गौशाला से एक रुपये की चीज भी कभी बेची नहीं गई है. चाहे दूध हो या फिर घी- मक्खन, सारी सामग्री मानव सेवा की भलाई में दी जाती है.

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