भिवानी में सरपंच चुनाव रंजिश के चलते बड़ेसरा गांव में छठी मौत, हत्यारे बोलें- नहीं करने देंगे सरपंची

भिवानी | हरियाणा के भिवानी जिले में पंचायती चुनाव बेशक सम्पन्न हो गए हो लेकिन चुनाव को लेकर जो रंजिश शुरू हुई थी वो थमने का नाम ही नहीं ले रही है. यहां गांव बड़ेसरा में बाइक सवार तीन हथियारबंद लोगों ने गांव के सरपंच के दो भतीजों पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी. इस हमले में 50 वर्षीय महेंद्र ने मौके पर ही दम तोड़ दिया जबकि दूसरा व्यक्ति अजीत जिंदगी व मौत के मुहाने पर खड़ा हैं. इस हत्याकांड को अंजाम देने वाले गांव के ही दूसरे गुट के आदमी बताए जा रहे हैं.

Murder

ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर गांव में दहशत मचाने वाले हमलावरों ने धमकी दी है कि वे वर्तमान में बने सरपंच को सरपंची नहीं करने देंगे. वहीं, इस घटनाक्रम के बाद ग्रामीणों इस मांग पर अड़े हैं कि वर्तमान सरपंच को सिक्योरिटी प्रदान की जाए. बता दें कि गांव के दो गुटों के बीच यह रंजिश 2017 के सरपंच पद के चुनाव में शुरू हुई थी और अब 2022 में भी जारी है. इस रंजिश के चलते पिछले पांच साल में गांव के 6 लोगों की मौत हो चुकी है. गांव में यह रंजिश बबलू गुट व बलजीत गुट के बीच बनी हुई है.

बता दें कि 2017 के पंचायत चुनाव में बबलू की पत्नी सुदेश गांव की सरपंच बनी थी लेकिन बलजीत गुट की तरफ से सुदेश की मार्कशीट फर्जी होने की RTI लगाई गई जिसमें जांच के बाद सुदेश की मार्कशीट फर्जी पाई गई और बबलू गुट को सरपंची गंवानी पड़ी. इसके बाद धोखाधड़ी के आरोप में बबलू, उसकी पत्नी सुदेश व परिवार के सदस्यों को जेल जाना पड़ा. बस यहीं से ये खूनी खेल शुरू हुआ था और बबलू गुट के लोगों ने बलजीत गुट के तीन लोगों को मौत के घाट उतार दिया था. इस मामले में बबलू गुट के सदस्य सोनीपत जेल में बंद हैं.

इसी रंजिश के सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए बलजीत गुट के महेन्द्र व अजीत पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई गई है, जिसमें महेंद्र की मौके पर ही मौत हो गई है जबकि अजीत का हिसार के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है. इस हत्याकांड के बाद ग्रामीणों ने सरपंच पक्ष को सिक्योरिटी देने की मांग उठाई है. मृतक परिवार का कहना है कि चुनावी रंजिश के चलते उनके परिवार के लोगों पर जानलेवा हमला किया गया है.

वहीं, इस मामले को लेकर SHO संदीप शर्मा ने बताया है कि पोस्टमार्टम व परिजनों की शिकायत के आधार पर केस दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है. उन्होंने कहा कि इस घटनाक्रम को चुनावी रंजिश से जोड़कर देखा जा रहा है. मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस हर पहलू से जांच कर रही है. मृतक परिवार के सदस्यों की मांग थी कि उन्हें सिक्योरिटी प्रदान की जाए, तभी मृतक महेंद्र के शव का अंतिम संस्कार किया जाएगा. ऐसे में प्रशासन के उच्च अधिकारियों से बातचीत कर सरपंच के परिवार को सिक्योरिटी दे दी गई है.

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