हजारो ईंट भठ्ठे हो सकते है बंद, ईंट पकाने के लिए अब प्रयोग होगा पीएनजी सिस्टम

चंडीगढ़ । हरियाणा के एनसीआर क्षेत्रों के जिलों के ईंट भट्ठा संचालकों के लिए एक बड़ी समस्या पैदा हो गई है. वायु प्रदूषण को रोकने के लिए हरियाणा सरकार द्वारा अपनाई जा रही जिगजैग प्रणाली के स्थान पर अब पाइप्ड नेचुरल गैस पीएनजी सिस्टम को अपनाना पड़ेगा. एनजीटी के अनुसार पीएनजी सिस्टम को अपनाने से ईंट भट्टों से निकलने वाले धुएं से बहुत राहत मिलेगी और इससे जनसाधारण के स्वास्थ्य पर कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ेगा.

it batha news

आपको बता दें कि इन क्षेत्रों में ईट भट्टे छोटे उद्योगों के रूप में लगाए जाते हैं और बहुत से ईट भट्टा संचालक मकान बनाने जैसे कार्यों में ईटों की पूर्ति करके अपनी आजीविका कमाते हैं. पहले ईट भट्टे कोयले से चलाए जाते थे लेकिन दो दशकों से यह सरसों की पदाड़ी से भी चलाए जाते हैं. वैसे कोयले द्वारा पकाई गई ईंटे सरसों की पदाड़ी से पकाई गई ईटों की अपेक्षा ज्यादा कामगार होती हैं. परंतु कोयले को जलाने से वायु प्रदूषण ज्यादा होता है. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने एनसीआर क्षेत्रों में कोयले द्वारा ईट को पकाने पर रोक लगा दी और जिगजैग प्रणाली को अपनाने को कहा. कुछ सालों तक जिगजैग प्रणाली अपनाई गई. परंतु इसके परिणाम अपेक्षा के अनुसार कारगर सिद्ध नहीं हो पाए और वायु प्रदूषण में कोई कमी नहीं आई.

एनजीटी के अनुसार आगामी दिनों में ईंट भट्टों को जिगजैग तकनीक से चलाने की इजाजत नहीं होगी. क्योंकि इससे भी वायु प्रदूषण पर कोई रोक नहीं लग पाई है. अब एनसीआर वाले जिलों के क्षेत्रों में ईट भट्टा को चलाने के लिए पाइप्ड नेचुरल गैस पीएनजी सिस्टम का उपयोग करना होगा. एनजीटी ने लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले बुरे असर और खराब वायु की क्वालिटी को देखते हुए यह फैसला लिया है. यदि ईट भट्टा संचालक इस फैसले को नहीं मानते हैं तो सरकार इन ईट भट्टों को बंद करवा सकती है.

ईट भट्ठा एसोसिएशन जिला महेंद्रगढ़ के प्रधान महेंद्र यादव ने जानकारी देते हुए कहा है कि पीएनजी सिस्टम के उपयोग की चर्चा हो रही है परंतु अभी तक इससे संबंधित कोई आधिकारिक आदेश नहीं आए हैं. सरकार और एनजीटी नए नए नियम बनाकर भट्ठा उद्योगों और रोजगारों को धीरे-धीरे समाप्त करती जा रही है. बहुत कठिनाइयों से 50 से 60 लाख रुपयों को खर्च करके जिगजैग प्रणाली को लागू किया गया था. लेकिन अब सरकार इन्हें बंद करवा रही है.

हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे! हरियाणा की ताज़ा खबरों के लिए अभी हमारे हरियाणा ताज़ा खबर व्हात्सप्प ग्रुप में जुड़े!