हरियाणा सरकार का फैसला, कोराना में इन कर्मचारियों को ड्यूटी के लिए नहीं बुलाया जाएगा

चंडीगढ़ । कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच हरियाणा सरकार ने फैसला किया है कि प्रदेश में गंभीर रूप से विकलांग संवेदनशील व्यक्ति या हाइपरटेंशन, उच्च रक्तचाप व फेफड़ों की बीमारी,  कैंसर और अन्य दीर्घकालिक बीमारियों से पीड़ित कर्मचारियों और गर्भवती महिलाओं,चाहे वह नियमित हो या अनुबंधित हो, आउटसोर्सिंग के माध्यम से हो. उन्हें ड्यूटी के लिए नहीं बुलाया जाएगा. भले ही वे आवश्यक सेवाओं में क्यों नहीं लगे हुए हो.

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कर्मचारियों को दी गई छूट

बता दें कि इस निर्णय के अनुसार आवश्यकता पड़ने पर वे घर से काम कर सकते हैं, बशर्ते उनके पास आवश्यक बुनियादी ढांचा उपलब्ध हो. यह छूट अगले आदेशों तक जारी रहेगी. सरकारी प्रवक्ता द्वारा इस संबंध में जानकारी दी गई और उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी के चलते सरकार द्वारा यह निर्देश दिए गए हैं. यह उपाय संक्रमण श्रृंखला को तोड़ने तथा विकलांग व्यक्तियों,संवेदनशील व्यक्ति और गर्भवती महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखकर जारी किए गए हैं.

इन कर्मचारियों को करना होगा घर से काम 

वही प्रवक्ता ने बताया कि संवेदनशील व्यक्ति यथार्थ 50 वर्ष या उससे अधिक आयु के कर्मचारी जो दीर्घकालिक बीमारियों से पीड़ित है ऐसे कर्मचारी फ्रंट लाइन कार्य में नहीं लगाए जाएंगे, ताकि उनका जनता से सीधा संपर्क ना हो. इसी प्रकार ही सभी गर्भवती महिला कर्मचारी, चाहे वह नियमित हो,  अनुबंधित हो या आउटसोर्सिंग के माध्यम से हो, उनको घर से काम करने की सलाह दी गई है. कोविड-19 मामलों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. जिसको देखते हुए प्रशासन द्वारा सख्त कदम उठाए गए हैं. इसके संबंध में सभी प्रशासनिक सचिवों विभाग का अध्यक्ष और हरियाणा के सभी मंडल युक्त उपायुक्तों बोर्डों निगमों को एक पत्र भेजा गया है.

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