हरियाणा सरकार ने कानून विशेषज्ञों पर छोड़ा पेपर में पश्न दोहराए जाने का फैसला, एजेंसी को थमाया नोटिस

चंडीगढ़ | हरियाणा में ग्रुप सी की मुख्य परीक्षा में 41 प्रश्न दोहराए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. विधानसभा के मानसून सत्र में विपक्षी दलों द्वारा इसे मुद्दा बनाए जाने के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) के चेयरमैन समेत अधिकारियों के साथ आपात बैठक की है. बता दे इस बैठक में कानूनी विशेषज्ञ भी शामिल रहे.

Manohar Lal Khattar CM

बाहरी एजेंसी ने तैयार किया था पेपर

अब परीक्षा रद्द करने या न करने का मामला पूरी तरह से कानूनी विशेषज्ञों की सलाह पर निर्भर है. कानूनी राय आने के बाद ही आयोग परीक्षा को लेकर अंतिम निर्णय लेगा. मुख्यमंत्री आवास पर करीब डेढ़ घंटे तक चली बैठक में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने परीक्षा को लेकर सभी पहलुओं पर चर्चा की. 41 प्रश्नों की पुनरावृत्ति का कारण जानने को कहा साथ ही इसके लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया. आयोग के अधिकारियों का तर्क है कि पेपर किसी बाहरी एजेंसी ने तैयार कराया है, वह कहां गायब है, इसकी जांच की जा रही है.

मानसून सत्र से पहले सुलझाया जाएगा मुद्दा

सरकार की ओर से कहा गया है कि परीक्षा के संबंध में अंतिम निर्णय कानूनी राय मिलने के बाद ही लिया जाएगा. वहीं, बैठक में विधानसभा के मानसून सत्र से पहले इस मुद्दे को हर हाल में सुलझाने को कहा गया है ताकि विपक्षी दल मुद्दे पर सरकार की घेराबंदी नहीं कर सकते.

बिगड़ सकता है परीक्षाओं का शेड्यूल

मामला हाईकोर्ट में जाने और अब 41 प्रश्न दोहराए जाने से परीक्षाओं को लेकर आयोग की तैयारियां प्रभावित होंगी. अब आगामी ग्रुपों की मुख्य परीक्षाओं का शेड्यूल बिगड़ना तय है. आयोग 19 समूहों की परीक्षा 19 और 20 अगस्त को आयोजित करने की तैयारी कर रहा था लेकिन, अब इसे स्थगित करना पड़ सकता है. आयोग का कहना है कि सभी कानूनी दिक्कतें दूर करने के बाद ही आगामी परीक्षाओं का शेड्यूल जारी किया जाएगा.

तीन दिन में मांगा जवाब

आयोग द्वारा बुलाये जाने पर पेपर तैयार कराने वाली एजेंसी के एमडी बुधवार को आयोग कार्यालय पहुंचे. इधर आयोग की ओर से एमडी को 41 सवाल दोहराने पर कारण बताओ नोटिस दिया गया और तीन दिन में स्पष्टीकरण मांगा गया. आयोग ने कंपनी को ईमेल से नोटिस भी भेजा है. एजेंसी के जवाब के बाद ही आयोग आगे की कार्रवाई करेगा.

वहीं, बताया जा रहा है कि आयोग इस एजेंसी से अन्य ग्रुपों की परीक्षाओं से अपना नाता तोड़ सकता है और कंपनी को ब्लैकलिस्ट करने की तैयारी की जा रही है. आयोग के अध्यक्ष भोपाल सिंह खदरी ने बताया कि एजी कार्यालय से कानूनी राय मांगी गयी है. इसके बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा.

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