चंडीगढ़ | हरियाणा समेत कई राज्यों में फिलहाल गेहूं की कटाई का सीजन चल रहा है. साथ ही कुछ स्थानों पर कटाई के बाद अवशेष जलाने के मामले भी सामने आ रहे हैं. प्रशासन भी इन मामलों को लेकर मुस्तैद नजर आ रहा है. किसानों को फाने जलाने से रोकने के लिए कृषि विभाग द्वारा गांव, खंड और जिला स्तर पर टीमों का गठन भी कर दिया गया है. इसके अलावा हर्सेक द्वारा सेटेलाइट के माध्यम से जीपीएस लोकेशन के साथ फोटो को किसान के पास भेजने का काम किया जाएगा. फसल अवशेष जलाने के मामलों में दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
सभी जिलों में लागू की गई धारा 143
गौरतलब है कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने सभी जिलों में धारा 144 लागू कर दी है. इसके तहत सभी जिलों में फसल अवशेष जलाने पर रोक लगाने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं. इसके अलावा किसानों को फसल अवशेष ना जलाने के बारे में जागरूक करने के लिए कृषि राजस्व और पंचायत विभाग के अधिकारियों को भी निर्देश दे दिए गए हैं.
किसानों से की गई अपील
किसानों से अपील की गई है कि वह कृषि यंत्रों की सहायता से फसल के अवशेषों का उचित प्रबंधन करें. ऐसा करने से आगजनी से होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है. फसल अवशेष को जलाने से भूमि में मौजूद वह कीट भी मरते हैं जो जमीन की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने का काम करते हैं. इससे फसल की पैदावार भी कम होती है.
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