हरियाणा में अब लोगों को पटवारियों के नहीं लगाने पड़ेंगे चक्कर, ऑनलाइन डाउनलोड करे ई-फर्द

चंडीगढ़ | हरियाणा में अब लोगों को जमीन के मालिकाना हक संबंधी दस्तावेज के लिए पटवारियों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे. डिजिटल सिग्नेचर से जमाबंदी के भुगतान के लिए शुरू किया गया पोर्टल आम लोगों को काफी पसंद आया है. पिछले चार महीनों में 10,000 लोगों ने ई- फर्द डाउनलोड किया है. इससे तहसील कार्यालयों में बिचौलियों के खेल पर भी अंकुश लगा है.

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लोगों को मिलेगी राहत

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शनिवार को ई- फर्द पाने वाले हितग्राहियों से ऑडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कहा कि जल्द ही पारिवारिक जमीन विवाद निपटाने के लिए साझा जमीन के बंटवारे के लिए नया कानून बनाया जाएगा. इससे कोर्ट- कचहरी में लंबे समय से चले आ रहे भूमि विवाद से छुटकारा मिलेगा.

उन्होंने कहा कि सरकार ने 25 दिसंबर 2022 को जमाबंदी के फर्द के लिए डिजिटल सिग्नेचर वाला पोर्टल लॉन्च किया था. जमाबंदी पोर्टल भूमि रिकॉर्ड से संबंधित जानकारी के लिए सिंगल विंडो के रूप में कार्य करता है. पोर्टल पर भू- आंकड़ों से संबंधित सभी जानकारी जैसे खसरा, खतौनी भू- नक्शा, संपत्ति पंजीकरण, स्टाम्प ड्यूटी जैसी सेवाएं उपलब्ध हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि पोर्टल के शुभारंभ के बाद अब जमीन लेने के लिए पटवारियों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे. फर्ड को घर बैठे कुछ ही मिनटों में डाउनलोड किया जा सकता है. एक फर्ड के लिए सर्विस चार्ज सिर्फ 100 रुपये है. पहले खाते के लिए 10 रुपये और बाद के प्रत्येक खाते के लिए 5 रुपये शुल्क निर्धारित किया गया है. पोर्टल द्वारा जारी यह फर्द डिजिटल रूप से हस्ताक्षरित है और न्यायालय में भी मान्य है.

पोर्टल के शुभारंभ के बाद तहसील कार्यालय में काम का बोझ भी कम हुआ है. उन्होंने कहा कि डिजिटल रिकॉर्ड बनाकर राजस्व विभाग की लाखों फाइलों और कागजों के ढेर को खत्म कर दिया गया है जबकि पहले रिकॉर्ड रूम में रिकॉर्ड नष्ट होने का खतरा रहता था.

लाल डोरा खत्म होने के बाद हुए झगड़े बंद

मुख्यमंत्री ने कहा कि लाल डोरा मुक्त करने की हमारी योजना को केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना के रूप में पूरे देश में लागू किया है. पहले लाल डोरा के भीतर के गांवों में रजिस्ट्री नहीं होती थी. इसके चलते खूब मारपीट हुई. सभी गांवों को लाल डोरा से मुक्त कराकर लोगों को मालिकाना हक देकर झगड़ों पर विराम लग गया है. जमीन खरीदने- बेचने और उस पर कर्ज लेने का अधिकार मिला.

तहसीलों में ऑनलाइन पूरा रिकॉर्ड

प्रदेश की सभी 143 तहसीलों एवं उपतहसीलों में भू- अभिलेख प्रबंधन कार्यों को वेब हैरिस प्रणाली का उपयोग करते हुए कम्प्यूटरीकृत किया गया है. सभी रेवेन्यू रिकॉर्ड रूम को कम्प्यूटरीकृत कर दिया गया है. 20 नवंबर 2021 को प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों एवं राज्य मुख्यालयों पर डिजिटल राजस्व रिकार्ड रूम स्थापित किये गये. एनआईसी पोर्टल पर 18 करोड़ 50 लाख दस्तावेजों को स्कैन कर अपलोड किया जा चुका है. आज सारा रिकॉर्ड ऑनलाइन है, जिससे सरकारी काम में पारदर्शिता आई है.

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