हरियाणा में भारी बारिश से जीवित हो उठा महाभारत काल का झरना

फरीदाबाद । अरावली पहाड़ियों की गोद में बसा मोहबताबाद गांव इन दिनों सुर्खियों में छाया हुआ है. वजह है मंदिर में बहने वाला एक झरना जो पहाड़ों में हुई बारिश के बाद अपने पुराने रुप में लौट आया है. दूरदराज इलाकों में लोग इसकी खुबसूरती को निहारने के लिए आ रहें हैं. जानकारी के लिए बता दें कि मोहबताबाद गांव में झरने वाला मंदिर स्थित है.

FARIDABAD

फिर से जीवित हो उठा है झरना

कहने को तो यें झरना मंदिर में था क्योंकि अरावली पर्वत श्रंखला में लगातार हो रहे खनन और कम बारिश के चलते इसमें नाममात्र ही पानी आता था . लेकिन इस बार हरियाणा समेत फरीदाबाद में भी जमकर बारिश देखने को मिली है , जिसके चलते यें झरना फिर से जीवित हो उठा है और झरने में पूरे फ्लो में पानी बह रहा है. इस झरने की खुबसूरती को निहारने दूरदराज के क्षेत्रों से लोग आ रहे हैं . इतना ही नहीं यें झरना सेल्फी के दीवानों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है और लोग यहां जमकर मस्ती करते दिखाई दे रहे हैं. वीकेंड के दौरान यहां लोगों का हुजूम उमड़ रहा है और हर कोई झरने की खुबसूरती का कायल हो रहा है.

महाभारत काल से जुड़ा है इतिहास

जानकारों का मानना है कि झरने वाले मंदिर का इतिहास महाभारत काल से जुड़ा हुआ है. यहां के पुजारी ने बताया कि यें मंदिर हजारों सालों से ऋषि मुनियों की तपोस्थली रहा है . महाभारत काल में पांडवों ने भी यहां कुछ दिन बिताए थे जिनके तप से यहां झरना बहने लगा. उन्हीं के द्वारा यहां सात कुंडों का निर्माण किया गया था. कुंडों की गहराई अधिक होने के चलते सभी को बंद कर दिया गया था और उनकी जगह पर एक कृत्रिम कुंड बनाया गया था.

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