पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली और सरपंच विवाद में राइट टू रिकॉल की चर्चा, यहां पढ़ें पूरी जानकारी

हिसार | पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली द्वारा सरपंचों को लेकर दिया गया बयान अब तूल पकड़ता जा रहा है. हिसार के सरपंचों ने देवेंद्र बबली का विरोध किया. सरपंचों ने पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली से माफी मांगने की अपील की. उन्होंने कहा कि हिम्मत है तो मंत्री जी राइट टू रिकॉल करके दिखाएं. समैण गांव के सरपंच रणबीर ने बताया कि पूरे हरियाणा के सरपंचों के साथ बैठक कर जल्द ही टोहाना में सरपंचों को एकत्रित कर ई- टेंडरिंग व्यवस्था के खिलाफ बड़े आंदोलन का बिगुल बजाने का मन बना लिया है. इसके लिए जल्द ही एक कमेटी भी गठित की जाएगी.

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सरपंच ने कहा कि मंत्री अपने दलाल बिठाने में लगे हैं इसलिए सरपंचों के अधिकार कम कर ठेकेदार की नीति को बीच में लाया जा रहा है. फतेहाबाद के नाढ़ौड़ी गांव नरेंद्र के सरपंच को चेतावनी देने की बात पर हिसार के सरपंचों ने कहा कि सरपंच का अपमान करना ठीक नहीं है इसलिए वे इसका विरोध कर रहे हैं. सरपंचों ने कहा कि नरेंद्र जनता के चुने हुए प्रतिनिधि हैं. उनका इस तरह अपमान नहीं करना चाहिए. सरपंच नरेंद्र ने कहा कि ग्रामीण उनके साथ हैं और वह इस मामले में ग्रामीणों के साथ सीएम से मिलने जाएंगे.

ये है ई-टेंडरिंग का मतलब

पंचायतों में होने वाले कार्यों में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए सरकार ने ई-टेंडर प्रक्रिया बनाई है. इसके तहत, दो लाख रुपये से अधिक के कार्यों के लिए ई-टेंडरिंग जारी की जाएगी फिर अधिकारी ठेकेदार के माध्यम से गांव का विकास कार्य कराएंगे. इसमें सरपंच विकास कार्यों की जानकारी शासन को देंगे. जिसके बाद सरकार ठेकेदार से ई-टेंडरिंग के जरिए विकास कार्य करवाएगी. सरकार का दावा है कि इस प्रक्रिया से भ्रष्टाचार के मामले कम होंगे.

इस वजह से सरपंच कर रहे ई-टेंडरिंग का विरोध

सरपंचों का कहना है कि सरकार की यह योजना (ई-टेंडरिंग योजना) सरपंचों के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि ई-टेंडरिंग के कारण गांव का समुचित विकास नहीं हो पाएगा. सरपंचों ने कहा कि अगर विकास कार्यों के लिए सीधे सरपंचों को पैसा नहीं दिया गया तो ठेकेदार व अधिकारी अपनी मर्जी से गांव में काम कराएंगे इसलिए गांव के विकास में सरपंचों का कोई हाथ नहीं होगा जिसका जनप्रतिनिधि विरोध कर रहे हैं.

ये होता है राइट टू रिकॉल का मतलब

राइट टू रिकॉल हरियाणा के तहत ग्रामीणों को यह अधिकार मिल गया है कि अगर सरपंच गांव में विकास कार्य नहीं करवा रहा है तो उसे कार्यकाल के बीच में ही पद से हटाया जा सकता है. सरपंच को हटाने के लिए गांव के 33 फीसदी मतदाता संबंधित अधिकारी को ‘अविश्वास’ की लिखित शिकायत देंगे. यह प्रस्ताव प्रखंड विकास एवं पंचायत अधिकारी व सीईओ के पास जाएगा.

जानें पूरा मामला

3 जनवरी को नाढोड़ी गांव में कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. गांव में पंचायत मंत्री का कार्यक्रम पूर्व सरपंच के घर पर आयोजित किया गया था जो वर्तमान सरपंच के विरोधी खेमे में भी है. ऐसे में गांव से महज एक वोट से चुनाव जीतकर आए सरपंच नरेंद्र इस कार्यक्रम में नहीं पहुंचे. जिससे मंत्री नाराज नजर आए. पंचायत मंत्री के कार्यक्रम में शामिल नहीं होने पर देवेंद्र बबली ने कहा कि उन्हें कोई गलतफहमी नहीं होनी चाहिए. जनता ने उन्हें सिर्फ एक वोट से जिताया है और गांव के विकास के लिए चुना है.

पंचायत मंत्री ने कहा कि यदि गांव के कार्यों में कोई विघ्न आता है तो उसे रोकने का अधिकार सरपंच के पास है. बबली ने कहा कि जब पंचायत मंत्री आए तो नैतिकता के आधार पर सरपंच को यहां होना चाहिए था. सरकार के पास कई अधिकार हैं. ग्रामीणों के आग्रह पर फिर से सरपंच का चुनाव भी कराया जा सकता है. अब हरियाणा के सरपंच पंचायत मंत्री के इस बयान का विरोध कर रहे हैं.

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