शिक्षा विभाग ने निकाला नया रास्ता, अब पहली से आठवीं तक के सभी बच्चों को मिलेगी पाठ्य पुस्तकें

झज्जर | शुरुआती पढ़ाई को शिक्षा की न्यू माना जाता है. बच्चों का भविष्य संवारने के लिए शिक्षा की नींव को मजबूत करना जरूरी है. ताकि बच्चें अच्छे से पढ़ लिख कर सफल हो सके. अब कोरोना काल में सभी के सहयोग से ही शिक्षा की नींव मजबूत होगी. एक तरफ जहां शिक्षा विभाग ऑनलाइन पढ़ाई करवा रहा है. दूसरी तरफ पाठ्य पुस्तकों के अभाव में बच्चों की पढ़ाई भी बाधित हो रही है. इसके लिए बच्चों को पुस्तकें उपलब्ध कराने की तरफ कदम बढ़ाए जा रहे हैं. पहली कक्षा से आठवीं कक्षा तक जो विद्यार्थी पास हो चुके हैं,उनकी पाठ्य पुस्तकें उसी कक्षा में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को उपलब्ध करवाई जा रही है. ताकि इन कक्षाओं में दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित ना हो.

School Student

पहली कक्षा से आठवीं कक्षा तक पढ़ने वाले विद्यार्थियों को शिक्षा विभाग द्वारा निशुल्क पाठ्य पुस्तक उपलब्ध करवाई जाती थी. लेकिन कोरोनावायरस यह व्यवस्था भी ठप हो गई है. ऐसे में उन बच्चों को किताब उपलब्ध कराने के लिए यह विकल्प चुना गया है. कोरोना महामारी के चलते सभी बच्चों को पास किया गया है. ऐसे में जो बच्चे पास हो कर अगली कक्षाओं में चले गए हैं. उनके लिए पिछली कक्षाओं की पुस्तकें अधिक उपयोगी नहीं है. अब उन्हें नई कक्षा की पुस्तके लेनी होगी.

ऐसे में शिक्षक पास होने वाले विद्यार्थियों से संपर्क कर रहे हैं. साथ ही उनकी पुरानी पुस्तकें लेकर दूसरे विद्यार्थियों को दे रहे हैं, जो अब पास होकर इन कक्षाओं में प्रवेश ले रहे हैं. इसके लिए शिक्षा विभाग द्वारा भी मॉनिटरिंग की जा रही है. जिसके तहत विद्यालय मुखिया उसे गूगल फॉर्म भरवाया जा रहा है. जिसमें पुरानी पाठ्य पुस्तकें विद्यार्थियों तक पहुंचाने की रिपोर्ट होगी. आपको बता दें कि इसके लिए 15 जुलाई तक का समय दिया गया है. इस अवधि में स्कूल मुखियाओं को अपने विद्यालय में पड़ने वाले विद्यार्थियों की रिपोर्ट भेजनी होगी.

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